मधुमेह क्या है और इसका इलाज in Hindi
मधुमेह क्या है ?
डायबिटीज मेंलेटस:जिसे सामान्य भाषा में मधुमेह कहा जाता है चयापचय बीमारियों का समूह है जिसमे लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर उच्च होता है उच्च रक्त संकरा के लक्षणों में अक्सर पेशाब ज्यादा आता है और प्यास की बढ़ोतरी और भूख में वृद्धि होती है मधुमेह कई बीमारियों का कारण बन जाता है जैसे कोमा में जाना ह्रदय रोग स्ट्रोक क्रॉनिक किडनी डिजीज अल्सर और आंखों का नुकसान भी शामिल है
नया अपडेट डॉक्टर सरोज सिंह दिनांक 24:12 2021
डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाना चाहिए मीठा?
जानिए क्या है सच
Blood Sugar: डायबिटीज के मरीजों को 55 से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर के स्तर की जांच करनी चाहिए।
डायबिटीज यानी मधुमेह एक लाइलाज बीमारी है, जो खराब खानपान और जीवनशैली के कारण होती है। मेडिकल टर्म में शुगर बढ़ने को हाइपरग्लाइसीमिया कहा जाता है। डायबिटीज एक क्रोनिक मेटाबॉलिक समस्या (chronic metabolic condition) है जिसमें पीड़ित व्यक्ति के रक्त में ब्लड ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है। दुनियाभर में डायबिटीज के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या देखते हुए इसे मधुमेह की राजधानी भी कहा जाता है। डायबिटीज की बीमारी में खानपान का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी है। डायबिटीज को लेकर लोगों में कई तरह के भ्रम भी रहते हैं, जिनपर लोग अक्सर विश्वास कर लेते हैं। हम यहां कुछ ऐसी ही बातों को बता रहे है जो कि डायबिटीज के मरीजों सहित सभी लोगों को जानना जरूरी होता है। आइए जानें डायबिटीज से जुड़े प्रचलित मिथक और उनके पीछे का सच। (Diabetes myths and facts)
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कार्बोहाइड्रेट्स नहीं खाना चाहिए: मधुमेह से पीड़ित लोग किसी एक्सपर्ट्स की जगह अपने आस- पास के लोगों की बातें सुनकर किसी विशेष फूड के सेवन से पूरी तरह परहेज करने लगते हैं या उनका सेवन बहुत अधिक मात्रा में करने लगते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल डायबिटीज रोगियों को सही प्रकार के कार्ब्स का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही दिन के किस मील में कितनी मात्रा में कार्ब्स शामिल करना है इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए।
आर्टिफिशियल शुगर का इस्तेमाल:
बहुत से लोग अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन करते हैं। दरअसल, उन्हें लगता है कि आर्टिफिशियल शुगर या शुगर-फ्री मीठे (Sugar Free) का सेवन चीनी की तुलना में अधिक लाभकारी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, आर्टिफिशियल शुगर या शुगर-फ्री मीठे (Sugar Free) का सेवन करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति गम्भीर हो सकती है।
दुबले लोगों को मधुमेह नहीं होता: ऐसा बिलकुल नहीं है कि पतले लोगों को डायबिटीज नहीं हो सकती है: ज्यादातर लोगों के शरीर में फैट बाहर की तरफ नहीं दिखता है वह अंदर की तरफ होता है।
मीठे पदार्थ की वजह से डायबिटीज: मधुमेह की बात करें तो सबसे पहले लोगों के जहन में आता है मीठा पदार्थ, लेकिन डायबिटीज होने के पीछे का कारण सिर्फ चीनी या मीठा पदार्थ ही नहीं होता । मोटापे के कारण डायबिटीज टाइप-2 हो सकती है जो की मीठा खाने से वजन बढ़ता है।
शुगर कितने प्रकार का होता है in Hindi
अगर इस स्तर को कंट्रोल ना किया जाए तो हम शुगर के रोगी बन जाते हैं। -डायबिटीज दो तरह की होती है। टाइप-1 और टाइप-2, इनमें टाइप-1 डायबिटीज वह है जो हमें अनुवांशिक तौर पर होती है। यानी जब किसी के परिवार में मम्मी-पापा, दादी-दादा में से किसी को शुगर की बीमारी रही हो तो ऐसे व्यक्ति में इस बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
शुगर क्यों होती है in Hindi
मधुमेह को जन्म देने वाला लीवर आपका जिम्मेदार है दूसरा जब लीवर खराब होता है इसलिए L f t उसके सारे फंक्शन डिस्टर्ब हो जाते हैं तब अग्नाशय काम करना बंद कर देता है धीरे-धीरे मेटाबोलिज्म के कारण लीवर shook हो जाता है
शुगर किस उम्र में हो सकता है in Hindi
दौड़ती-भागती दुनिया में युवाओं के सामने आज एक नहीं बल्कि कई चैलेंजेस हैं। ऐसे में जिम्मेदारियों के बीच सेहत कहीं पीछे छूट जाती है। नतीजा ये कि कम उम्र में ही युवा तरह-तरह की बीमारियों से घिर रहे हैं। वल्र्ड डायबिटीज़ फेडरेशन ने हाल ही में आंकड़ें ज़ाहिर किए हैं, जिसके मुताबिक 25-35 वर्ष की उम्र के हर दूसरे व्यक्ति को डायबिटीज का ख़तरा है। भारत में 6 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से पीडि़त हैं और दुनियाभर के डायबिटीज़ के मरीज़ों का 17 प्रतिशत हिस्सा भारत में मौजूद है। भारतीय मूल के लोगों को डायबिटीज होने की संभावना सबसे अधिक होती है। आखिर ऐसा क्या है जो यह बीमारी आज युवाओं में इतनी तेजी से फैल रही है।
डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो जिंदगी भर आपको परेशान कर सकती है। 25 से 30 वर्ष की उम्र में करियर और मौज-मस्ती में युवा इतना बिजी रहते हैं कि सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए डॉ. सरोज सिंह ने बताए कुछ टिप्स, जिनसे डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है
शुगर के लिए पिट्यूटरी ग्लैंड भी जिम्मेदार है in Hindi
पिट्यूटरी ग्लैंड सभी हारमोंस को चलाने वाला हेड ऑफ डिपार्टमेंट होता हैशुगर जेनेटिक नहीं होता है जब तक मेटाबॉलिज्म सही रहता है सही रहता हैतब तक शुगर का जन्म नहीं होता है जब जीवन में शरीर के साथ अत्यधिक जबरदस्ती की जाती है तब जाकर अग्नाशय इंसुलिन देना कम कर देता है तभी बीटा सेल इंसुलिन बनाने में निष्क्रिय हो जाता हैअधिकतर 95% मामले टाइप 2 के होते हैपांच परसेंट मामले type-1 शुगर के होते हैं
शुगर टाइप 2 in Hindi
इसमें इंसुलिन का निर्माण शरीर में होता है लेकिन शरीर के द्वारा इसका ठीक से उपयोग नहीं किया जाता है इंसुलिन अग्नाशय में बनता है लेकिन शरीर के लिए पर्याप्त नहीं है
शुगर टाइप 1 in Hindi
टाइप 1 शुगर 5 परसेंट ही होता है यह नवजात को होता हैऐसी संज्ञा दी गई है बच्चे के शरीर में बहुत कम मात्रा में इंसुलिन बनती या बिल्कुल नहीं बनतीऐसे बच्चों को इंसु लिन इंजेक्शन प्रत्येक दिन लेना पड़ता है टाइप वन की एक और प्रवृत्त होती है या तो आवश्यकता से अधिक या कम इंसुलिन देता हैऐसी मरीजों को एक या दो प्रकार के इंसुलिन इकट्ठा करके उनकी रक्त संकरा नियमित करनी पड़ती है इसमें अग्नाशय की कोशिकाएं जो इंसुलिन बनाती हैं उन पर प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा हमला किया जाता हैजिनके कारण इंसुलिन की कमी हो जाती है और रक्त में शंकरा की वृद्धि हो जाती है तो टाइप 1 का भी जिम्मेदार 50 परसेंट जीवनशैली होती है उसमें आपका मेटाबॉलिज्म चोक होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है
शुगर की होम्योपैथिक चमत्कारी दवा in Hindi
शुगर कैसे नॉर्मल करें in Hindi होम्योपैथिक दवा का डोज निर्धारण अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से करा लें जिससे कोई प्रॉब्लम ना हो
आहार फाइबर रक्त संकरा के स्तर को बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि शरीर में कार्बोहाइड्रेड की दर को धीमा कर देता है इस प्रकार शरीर में शंकरा अवशोषण की दर धीमी हो जाती है
इसका एक फार्मूला है बॉडी weight X 60ग्राम शरीर के वजन से फाइबर युक्त सलाद कोई भी फल कोई मिलाकर खाने की 15 मिनट पहले खाना उसके बाद आपको भोजन लेना है
शुगर टाइप 1 रीजेनरेट वीडियो का वीडियो in Hindi
शारीरिक श्रम केवल अब डोमिन पेट एरिया का ही करना है क्योंकि जब साइंस इस बात का प्रूफ करती है मेटाबोलिज्म चाय प चाय चोक होने पर अग्नाशय काम करना बंद कर देता है बीटा सेल सुस्त व वायरस की चपेट में आने से निष्क्रिय हो जाते हैंबीटा सेल रीजेनरेट होते हैं पांच सौ व्यक्ति पर मैंने शोध किया
शुगर के लक्षण in Hindi
इंसुलिन की कमी के कारण उच्च रक्त शर्करा स्तर पेशाब आना प्यासभूख बढ़ना और वजन बढ़ना धुंधली दृष्टि थकान महसूस होना और खराब विचार शामिल है
शुगर बढ़ने पर क्या होता है in Hindi
ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाना कई अंगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल किडनी की खराबी, अंधेपन और हृदय रोगों का भी कारण बन सकता है, यही कारण है कि डायबिटीज के रोगियों को नियमित रूप से शुगर के स्तर की जांच करते रहने की सलाह दी जाती है
डॉक्टर सरोज सिंह का पर्सनल एक्सपेरिमेंट( in type 1 ओर २ Sugar दोनों मे) in Hindi
आप निरंतर मेहनत करते हैं सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है आपकी मंजिल आसमान है रास्ता आपको खुद बनाना है अपनी मंजिल को भुलाकर जियो तो क्या क्या किया दम है तो पाकर दिखा लिख दो खून से अपनी कामयाबी की कहानी बोल उस किस्मत को मिटा कर दिखा दे
इंसुलिन क्या है in Hindi
अग्नाशय की अंतः स्त्रावी भाग लंगर हैंड्स बीटा कोशिकाओं से स्रावित होने वाला एक जंतु हार्मोन है रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह एक हार्मोन हैजिसकी रचना 51 अमीनो अम्ल से होती है यह शरीर मेंग्लूकोज के उपापचाप नियंत्रित करता हैअग्नाशय एक मिश्रित ग्रंथि है जो अमाशय की नीचे कुछ पीछे की ओर स्थित है भोजन के कार्बोहाइड्रेट के पाचन की बाद ग्लूकोस का निर्माण होता है हाथों से अवशोषित हो कर यह ग्लूकोज रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों में पहुंचाता है शरीर फिर सभी सजीव कोशिकाओं में और श्रशन की क्रिया होती हैजिसमें ग्लूकोस के विघटन से उर्जा उत्पन्न होती है शरीर को कार्य करने सोचने व अन्य कार्य के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है
इंसुलिन का निर्माण in Hindi
शरीर में लगभग 100 बीटा कोशिकाएं होती हैं यह कोशिकाएं प्रति 10 सेकंड में 2 मिलीग्राम प्रतिशत की दर से ब्लड ग्लूकोस को नापत्ति रहती है 2 मिनट के अंदर बीटा कोशिकाएं रक्तसंकरा स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए आवश्यक इंसुलिन की मात्रा उपलब्ध करा देती हैं
कृतिम इंसुलिन in Hindi
सबसे पहले इंसुलिन की खोज बैलों वा सूअर के अग्नाशय से प्राप्त किया गया अंततः वर्तमान में शुद्धता मानव इंसुलिन उपलब्ध हुआ बैलों और सूअर को बड़ी मात्रा में मारकर मानव इंसुलिन में प्रयोग नहीं होता है इसे डीएनए तकनीक का इस्तेमाल कर बनाते हैं
शुगर क्यों होता है बीटा सेल विषाणु जनित संक्रमण की चपेट में आने से शुगर का जन्म होता है in Hindi
वायरस कोशिका को विनाश को प्रेरित कर सकता है संक्रमण और टाइप वन मधुमेह के बीच संबंध देखा गया है वायरस बीटा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है वायरस इन प्रोटीन का उत्पादन कर सकता है जो बीटा सेल एंटीजन की नकल करते हैं और बीटा सेल को निष्क्रिय कर देते हैं
शुगर टाइप 1 टाइप 2 डॉ सरोज सिंह की अनुभूत चिकित्सा प्रयोग in Hindiin Hindi
आपका शुगर माना 10 साल पुरानी है तो कम से कम वीडियो में जो योगा है शिफ्ट में 10 15 20 25 के हिसाब से रूटीन को मेंटेन करो कम से कम 30 मिनट टाइम दें अपने आप मेटाबोलिज्म सिस्टम काम करना शुरू कर देगा बीटा सेल हारमोंस जरनेट होकर इंसुलिन प्रोवाइड करने लगेगा रक्त शंकरा का स्तर नॉर्मल कर देगा और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलना शुरू हो जाएगा और जो दवा ले रहे हैं शरीर की स्थिति को देखते हुए डोज का खुद डिसाइड आपको करना है जब तक अपने अंदर जज्बा नहीं लाओगे तब तक शुगर रीजेनरेट नहीं होगा इसी को लाइलाज नाम दिया गया है
ब्लड शुगर के मरीजों के लिए बड़े काम की है ये एक सब्जी, जानिए अन्य फायदे इन हिंदी
Blood Sugar: डायबिटीज को ‘धीमा जहर’ भी कहा जाता है।
मधुमेह एक लाइलाज बीमारी है। जो गलत खानपान और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण होती है। दरअसल डायबिटीज के मरीजों को अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना बेहद ही जरूरी होता है। क्योंकि खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से धुंधलापन, अधिक थकान, चिड़चिड़ापन समेत कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह के रोगियों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने का सबसे अच्छा माध्यम है कि अपने डाइट में उन चीजों को शामिल करें जिनमें फाइबर ज्यादा और एनर्जी कम हो। ऐसे में सब्जियों के सेवन से अच्छा विकल्प कोई नहीं हो सकता है। सब्जियां हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन बैगन उन सब्जियों से थोड़ा अलग है, इसमें फाइबर ज्यादा होता है और एनर्जी कम होती है।
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बैंगन के औषधीय गुण इतने अधिक हैं कि जिन्हें जानने के बाद आप इसे देखकर मुंह नहीं बना पाएंगे। क्योंकि इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है और साथ ही दिल की बीमारी को भी कम करता है, लेकिन अगर आप कई तरह की समस्या से पीड़ित है, तो यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आपको अपना ध्यान रखने की ज्यादा जरूरत है।
मधुमेह में कारगर: बैंगन में पाए जाने वाले फेनोलिक्स (Carbolic Acid) टाइप-2 डायबिटीज की समस्या के जोखिम को कम कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर फेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर हाइपरग्लाइसीमिया (High Blood Sugar) के प्रभाव को कम करने में सहायक माने जाते हैं। इस कारण यह कहा जा सकता है कि बैंगन खाने के फायदे में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना भी शामिल है।
अन्य फायदे: एक शोध में पाया गया कि स्टीम कुकिंग से बना बैंगन पाचक रसों को प्रेरित करने का काम करता है। बैंगन में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। साथ ही इसमें बेहद कम कैलोरी होती है। इसलिए यह वजन घटाने में भी कारगर है। बैंगन में विटामिन ए, सी, ई, बी-2, बी-6 के साथ-साथ आयरन और जिंक मौजूद होते हैं, इसलिए यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है।
बैंगन के प्रकार की बात करें, तो मुख्य रूप से ये सात प्रकार के होते हैं। जिनमें जापानी बैंगन, चाइनीज बैंगन, बियांका बैंगन, ग्राफ़िट बैंगन, सैंटाना बैंगन, थाई बैंगन, टैंगो बैंगन शामिल है। बैंगन टमाटर की तरह बेल पर उगने वाला एक फल है। पकाने के लिए इसे सब्जी की तरह ही इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन अधिकांश लोग इसे सब्जी ही मानते हैं।
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डेयरी प्रोडक्ट्स में बहुत अधिक मात्रा में कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन मौजूद होते हैं जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
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बात जब शुगर के स्तर को नियंत्रित करने की आती है तो, सबसे जरूरी चीज है कि भोजन करने के बाद आप कम से कम 15 मिनट जरूर टहलें।
डायबिटीज यानी मधुमेह की बीमारी में ब्लड शुगर (Blood Sugar) लेवल को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है क्योंकि शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ना जानलेवा भी साबित हो सकता है। मधुमेह नामक बीमारी लोगों के जीवनशैली से जुड़ी हुई है ऐसे में यह किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर मधुमेह के मरीजों को टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) से पीड़ित होने की शिकायत है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए ताकि उनके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर ठीक बना रहे। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपने खान-पान का खास ध्यान रखने की जरूरत है।
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटीज रोगियों की डाइट (Diet) अगर हेल्दी हो तो खाने के बाद अचानक बढ़ने वाले ब्लड शुगर के खतरे को कम किया जा सकता है। उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि डाइट में क्या शामिल करना फायदेमंद होगा और किसे खाने से नुकसान होगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को किन चीजों से दूरी बनानी चाहिए –
1ताजे व पैक्ड जूस: स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि मार्केट में मिलने वाले फ्रूट जूस (Fruit Juice) में प्रीजर्वेटिव्स पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं। वहीं, घर पर भी जो लोग फलों के रस को निकालकर पीते हैं, इससे भी परहेज करना चाहिए। फलों में प्राकृतिक रूप से मिठास मौजूद होता है, माना जाता है कि फ्रूट जूस में फाइबर (Fiber) नहीं पाए जाते हैं, ऐसे में मरीजों को पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
2मीठा भोजन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हाई ब्लड शुगर के मरीजों को मीठा खाने से परहेज करना चाहिए। पेस्ट्रीज, जैम, चॉकलेट स्प्रेड, मिठाई, चाय-कॉफी में चीनी लेने से बचें।
3फुल क्रीम दूध: फुल क्रीम दूध में फैट की मात्रा अधिक होती है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ मधुमेह के रोगियों को फुल क्रीम दूध (Full Cream Milk) के सेवन से बचने की सलाह देते हैं, क्योंकि इससे बॉडी में इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है।
4किशमिश: किशमिश में कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates food) की अधिक मात्रा पाई जाती है। जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ सकता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को किशमिश खाने से बचना चाहिए। वहीं मधुमेह के रोगियों के लिए ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, काजू, अखरोट और मूंगफली आदि का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर
शुगर पेशेंट के लिए
जियो तो वीर मानव की तरह जियो कायरता दुख को क्यों गले लगाते हो निराशा त्याग कर आशावादी बने डॉक्टर सरोज सिंह मेल फीमेल इनफर्टिलिटी कंसलटेंट in Hindi
अगला रिसर्च जल्द अपडेट होगा :-25 12 2021
Nice information 👍👍👍
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