किडनी का क्या काम है किडनी को 5 खाद्य पदार्थ के नुकसान

 



डॉक्टर सरोज  सिंह का किडनी पर पर्सनल चिकित्सा एक्सपेरिमेंट इन हिंदीकिडनी मनुष्य1 शरीर का सबसे मेन आर्गन माना जाता है किडनी की सुरक्षा मनुष्य के हाथ में होती है नेचर के द्वारा दी गई शरीर को मनुष्य पालन करें तो कभी न बिगड़ने वाली मशीन समझता है जिस दिन आदमी समझे कि हमारी शरीर हमारे ऊपर डिपेंडेंट है तो कभी किडनी खराब ना हो जंग फूड का सेवन करके जवानी में किसी खाद्य पदार्थ को आसानी से अपना लेते हैं अपना 2लेते हैं यहीं से किडनी की बीमारी है जन्म लेती है क्योंकि किडनी को शरीर के हिसाब से चलने के लिए नेचर ने बनाया है जब जंग फूड का प्रयोग होता है तब मनुष्य बीपी शुगर कोलेस्ट्रोल की चपेट में आ जाता है तब किडनी मे फंक्शन जिसे k ft कहते हैं की शुरुआत होती हैफंक्शन बिगड़ जाता है धीरे धीरे क्रिएटनीन यूरिया अधिक मात्रा में निकलना शुरू हो जाता है अभी तक शरीर आप  को कोई इशारा नहीं दे रहे हैं लेकिन किडनी जब 65 परसेंट खराब हो जाती है तब आंख के नीचे पैरों में सूजन आती है तब आदमी समझता है कि हमारी किडनी खराब हो रही है जब जानकारी मिलती है तब खेल खत्म हो जाता है क्योंकि किडनी जल्दी इसके फंक्शन वापस नहीं होते हैं उसका कारण है कि मनुष्य खानपान नहीं मेंटेन कर पाता है इसके अलावा चिकित्सा नहीं ठीक से है फिर कभी बीपी कभी शुगर नीचे ऊपर होता रहता है तू जिंदगी नर्क हो जाती है

3आजकल पुरुष या महिला दोनों में यूटीआई इनफेक्शन होने के कारण अंदर अंदर इंफेक्शन फैल जाता है यह 95% सेक्स रोग माना जाता है महिला पति को देती है पति महिला को देता है इसी तरह दोनों चपेट में आ जाते हैं इंफेक्शन यूटीआई इंफेक्शन से किडनी तक आसानी से पहुंच जाता हैजब जानकारी होती है तो इंफेक्शन ज्यादा हो जाता है इसमें अंग्रेजी कोई दवा सफल नहीं है होम्योपैथिक का सही डॉक्टर मिल नहीं पाता है इसलिए समस्या गंभीर होती जा रही है यहां तक की सऊदी अरब में 95% इस रोग से पीड़ित है उनका एक सर्वे आया तो पता चला कि सेक्स रोग के कारण समस्या उत्पन्न हुई लास्ट में प्रोटेस्ट कैंसर के रूप में मैं आ जाता है तब ना तो यूरिन होती है मामला जटिल हो जाता है

4भारत ही नहीं पूरे राष्ट्र में जिस कदर किडनी के रोगी हो रहे हैं हर साल इ ससे अनुमान लगाया जा रहा है कि कभी महामारी का रूप ना ले ले आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत चिंता है

किडनी का क्रिएटनीन 4 को होम्योपैथिक उपचार से नार्मल कर दिया इन हिंदी aalserum 7x




डॉ सरोज सिंह मैंने अपने चिकित्सा जीवन में 100 से अधिक किडनी डिजीज पेशेंट को होम्योपैथिक दवा L seram 7 x से हमने नॉर्मल कर दिया यह एक मछली होती जो करंट मारती है  उसी से दवा बनी है जितने पेशेंट  को उक्त दवा दिया सभी   सही है तो किडनी के क्षेत्र में होम्योपैथिक बहुत कारगर है लेकिन उसका डोज किडनी की क्या कंडीशन है उस हिसाब से फिक्स होगा तो अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से उसका डोज फिक्स करा लें अपने मन से कोई इलाज ना करें आप निश्चित सफल होंगे 




किडनी का क्या काम

वृक्क या गुर्दे का जोड़ा एक मानव अंग हैं, जिनका प्रधान कार्य मूत्र उत्पादन (रक्त शोधन कर) करना है। गुर्दे बहुत से वर्टिब्रेट पशुओं में मिलते हैं। ये मूत्र-प्रणाली के अंग हैं। इनके द्वारा इलेक्त्रोलाइट, क्षार-अम्ल संतुलन और रक्तचाप का नियामन होता है



इस पोस्ट में आपको किडनी के बारे में जानकारी ( Kidney In Hindi ) मिलेगी| हमने इस पोस्ट में किडनी के बारे में पूरी जानकारी ( Function Of Kidney In Hindi ) देने की कोशिश की है|


जैसे – किडनी क्या होती है?, किडनी के कार्य क्या है?, किडनी को हिंदी में क्या कहते है?, किडनी कैसे काम करती है?, किडनी के रोग कौन – कौन से हैं? इत्यादि|



 

आपसे निवेदन है की आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें ताकि आपको किडनी के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सके| आपको Kidney के बारे में कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य पढ़ने को मिलेंगे|


Table of Contents

किडनी क्या होती है? – What Is Kidney In Hindi

किडनी को हिंदी में क्या कहते है? – Kidney Meaning In Hindi

किडनी का कार्य क्या होता है? – Kidney Ke Karya

किडनी कैसे काम करती है? – How Kidney Works

किडनी कहाँ होती है? – Where Is The Kidney Located

किडनी का आकार तथा वजन – Kidney Ka Size Or Weight

किडनी में पेशाब कैसे बनता है?

किडनी का क्या महत्व है ? – Importance Of Kidney

किडनी के रोग – Kidney Disease

पायलोनेफ्राइटिस (गुर्दे की श्रोणि का संक्रमण):

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस:

गुर्दे की पथरी (नेफ्रोलिथियासिस):

पॉलीसिस्टिक गुर्दा रोग:

गुर्दे का फेल होना:

क्रोनिक रीनल फेल्योर:

अंत-चरण वृक्क रोग (ईएसआरडी):

पैपिलरी नेक्रोसिस:

मधुमेह अपवृक्कता:

गुर्दे का कैंसर:

इंटरस्टीशियल नेफ्रैटिस:

न्यूनतम परिवर्तन रोग:

नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस:

किडनी क्या होती है? – What Is Kidney In Hindi


किडनी मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। Kidney की समस्या किसी गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण भी बन सकती है।


किडनी के दो प्रमुख कार्य हैं हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों और विषैले कचरे को हमारे शरीर से बाहर निकालना और शरीर में पानी, तरल पदार्थ, खनिजों का नियमन करना।


Kidney Ka Chitra - किडनी का चित्र

Kidney Ka Chitra – किडनी का चित्र

किडनी का मानव शरीर मे बहुत महत्व है क्योंकि यह हमारे शरीर के विषैले उत्पादों को बाहर निकालती है।




किडनी को हिंदी में क्या कहते है? – Kidney Meaning In Hindi

किडनी को हिंदी में गुर्दा या वृक्क कहा जाता है। सामान्य बोलचाल की भाषा मे हम इसे किडनी भी कह देते है और गुर्दा ( Gurda ) भी। हालांकि किडनी या गुर्दा अर्थात वृक्क तीनों का मतलब एक ही होता है।


किडनी का कार्य क्या होता है? – Kidney Ke Karya

जैसाकि हमने अब तक पढ़ा किडनी हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। गुर्दे का काम रक्त को फ़िल्टर करना है।


वे कचरे को हटाते हैं, शरीर के द्रव संतुलन को नियंत्रित करते हैं, और इलेक्ट्रोलाइट्स का सही स्तर रखते हैं।


किडनी कैसे काम करती 




है? – How Kidney Works

हमारे शरीर मे बहने वाला रक्त गुर्दे में आ जाता है और अगर आवश्यकता हो तो नमक, पानी, और खनिज समायोजित किए जाते हैं।


यह फिल्टर किया हुआ रक्त शरीर में वापस चला जाता है। इस रक्त में से जो अपशिष्ट निकलता है वह मूत्र में बदल जाता है, जो गुर्दे की थैली में इकट्ठा होता है।


किडनी में एक फ़नल-आकार की संरचना जो एक ट्यूब के नीचे जाती है जिसे मूत्राशय या मूत्रवाहिनी कहा जाता है।



 

प्रत्येक गुर्दे में लगभग एक लाख छोटे फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफ्रोन कहा जाता है। हमारे शरीर का सारा रक्त दिन में कई बार किडनी में से गुजरता है।


वयस्क व्यक्ति के मूत्राशय में 400 – 500 मिलीलीटर पेशाब एकत्रित हो सकता है।





Kidney द्वारा बनाए गये मूत्र को मूत्राशय तक पहुँचाने वाली नली को मूत्रवाहिनी कहते हैं। इसकी लम्बाई सामान्यत: 25 सेंटीमीटर होती है और यह विशेष प्रकार की लचीली मांसपेशियों से बनी होती है।


मूत्राशय पेट के निचले हिस्से में सामने की तरफ (पेडू में) स्थित एक थैली होती है, जिसमें मूत्र इकट्ठा होता है।



 

स्त्री और पुरुष दोनों में किडनी की रचना, स्थान और कार्यप्रणाली सामान होती है।


किडनी कहाँ होती है? – Where Is The Kidney Located

गुर्दे हमारे शरीर मे रीढ़ के दोनों ओर तथा पसलियों के नीचे और हमारे पेट के पीछे बीन के आकार में अंगों की एक जोड़ी होती है।


किडनी पेट के पिछले हिस्से में होती है इस कारण बाहर से स्पर्श करने पर किडनी का पता नहीं चलता। मानव शरीर मे दो किडनी होती है।


किडनी का आकार तथा वजन



 – Kidney Ka Size Or Weight

प्रत्येक Kidney लगभग 4 या 5 इंच लंबी होती है, लगभग एक बड़ी मुट्ठी के आकार की। किडनी का नार्मल साइज लंबाई 10 सेमी, चौड़ाई 5 सेमी व मोटाई 3 सेमी होती है।


एक व्यस्क मानव शरीर में किडनी का भार लगभग 125–170 ग्राम होता है।


किडनी में पेशाब कैसे बनता है?

Kidney हमारे शरीर मे एक अद्भुत मशीन की तरह कार्य करती है। अब हम इस बारे में चर्चा करेंगे कि किडनी अद्भुत मशीन कैसे है तथा यह मूत्र निर्माण करने में किस प्रकार से कार्य करती है।


हमारे शरीर की दोनों किडनीयों में प्रति मिनट 1200 मिली लिटर रक्त साफ होने के लिए आता है जो हृदय द्वारा हमारे शरीर में पहुँचने वाले रक्त के 20% के बराबर है। इस तरह 24 घंटे में लगभग 1700 लिटर खून का शुद्धीकरण किडनियों द्वारा किया जाता है।


रक्त को साफ करके शेष बचे अवशिष्ट उत्पादों से पेशाब बनाने का कार्य करने वाली किडनी की सबसे छोटी एवं बारीक यूनिट को नेफ्रोन कहते है।



 

मानव शरीर की प्रत्येक किडनी में लगभग 10 लाख नेफ्रोन होते हैं। प्रत्येक नेफ्रोन के मुख्य दो भाग होते हैं पहला ग्लोमेरुलस और दूसरा ट्यूब्यूल्स।


ग्लोमेरुलस एक प्रकार की छन्नी होती है। इसमें विस्पंदन की विशेषता के साथ छोटे – छोटे छेद होते हैं। जल और छोटे आकर के पदार्थ आसानी से उसके माध्यम से छन जाते हैं।



 

लेकिन बड़े आकर की लाल रक्त कोशिकाएँ, सफेद रक्त कोशिकाएँ, प्लेटलेट्स आदि इन छिद्रों से बाहर नहीं हो सकते हैं।


आपको यह जानकर हैरानी होगी की ग्लोमेरुलस प्रत्येक मिनट में 125 मिली लिटर प्रवाही बनाकर प्रथम चरण में 24 घंटों में लगभग 180 लिटर मूत्र बनाती है।



इस 180 लिटर पेशाब में अनावश्यक तथा जहरीले पदार्थ भी होते हैं। साथ हीं इसमें शरीर के लिए उपयोगी पदार्थ भी होते हैं।


ग्लोमेरुलस में बननेवाला 180 लिटर पेशाब ट्यूब्यूल्स में आता है, जहाँ उसमें से 99 प्रतिशत पदार्थों का अवशोषण हो जाता है।


ट्यूब्यूल्स भी एक चमत्कारी मशीन की तरह ही है क्योंकि 180 लिटर जितनी बड़ी मात्रा में बने पेशाब में से जरूरी पदार्थ एवं पानी पुनः शरीर में वापिस लिया जाता है। सिर्फ़ 1 से 2 लिटर पेशाब में पूरा कचरा एवं अनावश्यक पदार्थ बाहर निकाला जाता है।



 

इस तरह किडनी में बहुत ही जटिल विधि द्वारा की गई सफाई की प्रक्रिया के बाद बना पेशाब मूत्रवाहिनी द्वारा मूत्राशय में जाता है और मूत्रनलिका द्वारा पेशाब शरीर से बाहर निकलता है।


किडनी का क्या महत्व है ? – Importance Of Kidney

जैसाकि आपने अब तक जाना किडनी ( Kidney ) का हमारे शरीर मे बहुत अधिक महत्व है। किडनी में खराबी होने पर मानव की मृत्यु भी हो सकती है।


हर इंसान द्वारा लिए गए आहार के प्रकार और उसकी मात्रा में हर रोज परिवर्तन होता रहता है इस कारण हमारे शरीर में पानी की मात्रा, अम्लीय एवं क्षारिय पदार्थों की मात्रा में लगातार परिवर्तन होता रहता है।


हमारे शरीर मे आहार के पाचन के दौरान कई अनावश्यक पदार्थ शरीर में उत्पन्न हो जाते हैं। इनका सन्तुलन बिगड़ने से व्यक्ति की मौत हो सकती है।


Kidney शरीर में अनावश्यक द्रव्यों और पदार्थों को पेशाब द्वारा दूर कर खून का शुद्धीकरण करती है और शरीर में क्षार एवं अम्ल का संतुलन बनाए रखती है। इस तरह किडनी शरीर को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखती है।

 पायलोनेफ्राइटिस (गुर्दे की श्रोणि का संक्रमण)

बैक्टीरिया गुर्दे को संक्रमित कर सकता है, आमतौर पर पीठ में दर्द और बुखार होता है। एक अनुपचारित मूत्राशय के संक्रमण से बैक्टीरिया का प्रसार पाइलोनफ्राइटिस का सबसे आम कारण है।


ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस:

एक अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली गुर्दे पर हमला कर सकती है, जिससे Kidney में सूजन और कुछ नुकसान हो सकता है। मूत्र में रक्त और प्रोटीन सामान्य समस्याएं हैं जो ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के साथ होती हैं। इसके परिणामस्वरूप किडनी फेल भी हो सकती है।


गुर्दे की पथरी (नेफ्रोलिथियासिस):




मूत्र में खनिज क्रिस्टल (पत्थर) बनाते हैं, जो मूत्र प्रवाह को अवरुद्ध करने के लिए काफी बड़े हो सकते हैं। यह सबसे दर्दनाक स्थितियों में से एक माना जाता है।


अधिकांश गुर्दे की पत्थरी अपने आप ही निकल जाती है, लेकिन कुछ बहुत बड़ी होती हैं और उनका इलाज करने की आवश्यकता होती है।


पॉलीसिस्टिक गुर्दा रोग:



एक आनुवंशिक स्थिति जिसके परिणामस्वरूप दोनों गुर्दों में बड़े अल्सर होते हैं जो गुर्दों के काम में बाधा डालते हैं।


गुर्दे का फेल होना:

गुर्दा फेल होने में मुख्यत उत्तरदायी निर्जलीकरण, मूत्र पथ में रुकावट, या गुर्दे की क्षति तीव्र गुर्दे की विफलता का कारण बन सकती है, जो प्रतिवर्ती हो सकती है।


क्रोनिक रीनल फेल्योर:

इस बीमारी में मधुमेह और उच्च रक्तचाप सबसे आम कारण हैं।


अंत-चरण वृक्क रोग (ईएसआरडी):

इसमे गुर्दे की ताकत का पूरा नुकसान हो जाता है। यह आमतौर पर प्रगतिशील क्रोनिक किडनी रोग के कारण होता है। ESRD वाले लोगों को जीवित रहने के लिए नियमित डायलिसिस की आवश्यकता होती है।


पैपिलरी नेक्रोसिस:

यह आंतरिक रूप से Kidney के ऊतकों को बंद करके किडनी को बंद कर सकती है। यदि अनुपचारित किया जाता है, तो परिणामी क्षति से पूरे गुर्दे की विफलता हो सकती है।


मधुमेह अपवृक्कता:

मधुमेह से उच्च रक्त शर्करा गुर्दे को नुकसान पहुंचाता है, अंततः क्रोनिक किडनी रोग ( Kidney Rog ) का कारण बनता है। मूत्र में प्रोटीन (नेफ्रोटिक सिंड्रोम) भी हो सकता है।


गुर्दे का कैंसर:

गुर्दे को प्रभावित करने वाला सबसे आम कैंसर है रीनल सेल कार्सिनोमा। धूम्रपान गुर्दे के कैंसर का सबसे आम कारण है।




इंटरस्टीशियल नेफ्रैटिस:

Kidney के अंदर संयोजी ऊतक की सूजन, अक्सर गुर्दे की विफलता का कारण बनती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया और दवा के दुष्प्रभाव इसके सामान्य कारण हैं।


न्यूनतम परिवर्तन रोग:

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का एक रूप जिसमें माइक्रोस्कोप के तहत गुर्दे की कोशिकाएं लगभग सामान्य दिखती हैं। बीमारी से पैर की सूजन (एडिमा) हो सकती है। स्टेरॉयड का उपयोग न्यूनतम परिवर्तन बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है।


नेफ्रोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस:

गुर्दे मूत्र को इकट्ठा करने की क्षमता खो देते हैं। हालांकि यह शायद ही कभी खतरनाक होता है, डायबिटीज इन्सिपिडस लगातार प्यास और लगातार पेशाब का कारण बनता है।


आशा करता हूँ दोस्तों आपको इस लेख Kidney In Hindi के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी मिल पायेगी| इस लेख को हमनें आसान भाषा में लिखने का प्रयत्न किया है ताकि आपको किडनी के बारे में सभी जानकारियां ( Kidney Ki Jankari Hindi Me ) समझ आ सकें|


Kidney Health: किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं ये 5 चीजें, जल्द बना लें दूरी



 

1किडनी की सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना जरूरी दिल या दिमाग की सेहत को बनाए रखना है. कुछ ऐसे फूड्स हैं जिन्हें खाने से किडनी पर बड़ा ही बुरा असर पड़ सकता है. ऐसी चीजों से जितनी दूरी बनाएंगे किडनी के लिए उतना ही अच्छा होगा.

कुछ ऐसे फूड्स हैं जिन्हें खाने से किडनी पर बड़ा ही बुरा असर पड़ सकता है.

शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में किडनी अहम रोल अदा करती है. ये शरीर का ऐसा पार्ट है जो कई जरूरी तत्वों का बैलेंस भी बना कर रखता है. शरीर में कोई ऐसा एसिड या अन्य तत्व ज्यादा हो जाए, जो हानिकारक हो तो उसे यूरिन के जरिए बाहर निकालने का जिम्मा किडनी ही संभालती है. ऐसे में किडनी की सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना जरूरी दिल या दिमाग की सेहत को बनाए रखना है. कुछ ऐसे फूड्स हैं जिन्हें खाने से किडनी पर बड़ा ही बुरा असर पड़ सकता है. ऐसी चीजों से जितनी दूरी बनाएंगे किडनी के लिए उतना ही अच्छा होगा.

किडनी की सेहत के लिए जरूरी है इन 5 चीजों से दूर रहना इन हिंदी   Foods to Avoid If You Have Kidney Disease 




1. अल्कोहल: एक हद के बाद शराब का सेवन करने से किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा शराब पीने से किडनी के फंक्शन पर असर पड़ता है, जो बाकी अंगों के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है.


2. कॉफी: कॉफी में मौजूद कैफीन किडनी के लिए नुकसानदायक है. खासतौर से अगर किडनी में पहले ही कोई छोटी बड़ी परेशानी हो तब कॉफी का उपयोग भूल कर भी न करें. इसका कैफीन किडनी की मुश्किल तो बढ़ाएगा, ये पथरी का कारण भी बन सकता है.



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3. नमक: जरूरत से ज्यादा नमक भी किडनी के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है. किडनी का काम ही होता है एक्स्ट्रा सॉल्ट्स को शरीर से बाहर करना. ऐसे में ज्यादा नमक का सेवन सोडियम की मात्रा बढ़ा देता है. ये सोडियम, पोटैशियम के साथ मिलकर शरीर में फ्लूड को संतुलित रखता है. नमक ज्यादा होगा तो फ्लूड की मात्रा भी बढ़ेगी, जिसका दबाव किडनी को ही झेलना होगा.






4. रेड मीट: रेड मीट में ऐसा मीट शामिल होता है जिसमें प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो. प्रोटीन शरीर के विकास के लिए जरूरी है लेकिन लगातार रेड मीट का सेवन मेटाबॉलिज्म पर असर डालता है. इस मीट की वजह से किडनी में स्टोन का खतरा बढ़ जाता है.



5. आर्टिफिशियल स्वीटनर: अगर आप बाहर का मीठा खाने के शौकीन हैं तो ये जान लीजिए कि मिठाइयों, कुकीज और ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग बहुत ज्यादा होता है. ये स्वीटनर किडनी पर बुरा प्रभाव डालते हैं. खासतौर से शुगर पेशेंट्स के लिए ऐसे स्वीटनर बहुत हानिकारक होते हैं. क्योंकि, शुगर पेशेंट्स को किडनी से जुड़ी तकलीफ होने की संभावनाएं भी ज्यादा ही होती हैं, इसलिए यही बेहतर है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर से दूरी बनाकर रखी जाए.

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किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है और इसके बिना हमारे शरीर के काम करने की क्षमता ना के बराबर हो जाती है। किडनी हमारे शरीर में बनने वाले जहरीले पदार्थों को फिल्टर करके यूरिन के जरिए बाहर निकालती है। अगर किडनी सही ढंग से काम ना करे तो हमारे शरीर में टॉक्सिंस जमा होने लगेंगे जिसका सीधा असर हमारे दिल और लिवर पर पड़ेगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने खानपान और जीवनशैली का खास ध्यान रखना चाहिए। अक्सर हमारी कुछ आदतों का बुरा प्रभाव हमारी किडनी पर पड़ता है जिससे किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ सकता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आपकी कौन सी आदतें किडनी के लिए घातक साबित हो सकती हैं-

यूरिन रोककर रखना 

अगर आप घर से बाहर पब्लिक बाथरूम का इस्तेमाल करने से बचने के लिए ज्यादा देर तक पेशाब को रोक कर रखते हैं तो आपकी यह आदत किडनी को ख़राब कर सकती है। पेशाब को देर तक रोकने से किडनी पर दबाव पड़ता है और शरीर में जमा टॉक्सिंस वापस खून में पहुंचने लगते हैं। इससे पथरी और किडनी डैमेज का खतरा बढ़ता है।

पेन किलर्स का अत्यधिक सेवन 


अधिकतर लोग दर्द से राहत पाने के लिए पेन किलर्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि पेन किलर्स का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से किडनी डैमेज हो सकती है। खासतौर पर जिन लोगों को पहले से ही किडनी की कोई समस्या है उन्हें पेन किलर्स का इस्तेमाल करते समय सावधान रहना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी पेन किलर का इस्तेमाल करें।

बीपी की नियमित जांच ना करवाना  


हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने के बावजूद अधिकतर लोग अपना ब्लड प्रेशर समय-समय पर चेक नहीं करवाते हैं। अगर आपका ब्लड प्रेशर लगातार हाई रहता है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। हाई बीपी के मरीजों में किडनी डैमेज का खतरा अधिक होता है।

इसे भी पढ़ें: क्या है ऑयल पुलिंग? जानें इसके चौंकाने वाले फायदे और करने का सही तरीका

नमक का ज़्यादा सेवन 

अगर आप नमक का ज्यादा सेवन करते हैं तो इससे आपकी किडनी को खतरा हो सकता है। हाई सोडियम युक्त डाइट लेने से शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिससे किडनी से जुड़ी बीमारियों का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। इसलिए खाने में नमक का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही करें।

कम पानी पीना 


शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। कम पानी पीने से शरीर में जमा टॉक्सिंस बाहर नहीं निकल पाते हैं और इससे पथरी का खतरा भी बढ़ता है।

शराब और सिगरेट का सेवन

अगर आप शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं तो यह आपकी किडनी के लिए घातक साबित हो सकता है। शराब और सिगरेट के सेवन से पथरी का खतरा बढ़ जाता है और किडनी की रक्त साफ करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिससे किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है।




प्रोसेस्ड या जंक फूड का सेवन


जो लोग ज्यादा प्रोसेस्ड या जंक फूड का सेवन करते हैं उन्हें किडनी संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है। प्रोसेस्ड फ़ूड में सोडियम और फॉस्फोरस की अधिक मात्रा होती है जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है।




ज़्यादा मीठा खाना


अधिकांश लोग मीठी चीजों को देख कर खुद को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं। लेकिन मीठे का अत्यधिक सेवन करने से डायबिटीज और किडनी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


डॉक्टर सरोज सिंह जल्द अपडेट होगा किडनी से संबंधित अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करके ही इलाज करें दिनांक 30 12 2001





 

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