एलर्जी से कौन-कौन सी बीमारी का in Hindiअटैक पुरुष महिला को करता है
एलर्जी एक ऐसी स्थिति है, जो किसी चीज को खाने या उसके संपर्क में आने पर आपको बीमार अनुभव कराती है। किसी व्यक्ति को एलर्जी तब होती है, जब उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली यह विश्वास कर लेती है कि उसने जो चीज खाई है या जिस चीज के संपर्क में आया है, वह शरीर के लिए हानिकारक है।
क्या यह आनुवांशिक होती है
कुछ लोग एलर्जी के आसान शिकार होते हैं, क्योंकि उनमें एलर्जन के प्रति संवेदनशीलता जन्मजात होती है। लड़कों में लड़कियों के मुकाबले आनुवांशिक रूप से एलर्जी होने की आशंका ज्यादा होती है।
क्या सभी अस्थमा एलर्जी के कारण होते हैं
एलर्जी के कारण होने वाला अस्थमा आम है, पर एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के अलावा अन्य कई चीजों से भी अस्थमा की समस्या हो सकती है।
कैसी-कैसी एलर्जी पुरुष महिला को अधिकतर
कई खाद्य पदार्थ, रसायन, धूल और फूलों के परागकण एलर्जी पैदा कर सकते हैं। एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के आधार फर एलर्जी कई प्रकार की होती है।क्या यह आनुवांशिक होती है
कुछ लोग एलर्जी के आसान शिकार होते हैं, क्योंकि उनमें एलर्जन के प्रति संवेदनशीलता जन्मजात होती है। लड़कों में लड़कियों के मुकाबले आनुवांशिक रूप से एलर्जी होने की आशंका ज्यादा होती है।
क्या सभी अस्थमा एलर्जी के कारण होते हैं
एलर्जी के कारण होने वाला अस्थमा आम है, पर एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के अलावा अन्य कई चीजों से भी अस्थमा की समस्या हो सकती है।
कैसी-कैसी एलर्जी मनुष्य शरीर में
कई खाद्य पदार्थ, रसायन, धूल और फूलों के परागकण एलर्जी पैदा कर सकते हैं। एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के आधार फर एलर्जी कई प्रकार की होती है।
रक्तगोलिका (globulin) प्रोटीन हैं, जो मेरुदण्डीय प्राणियों के रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों में पाए जाते हैं, तथा इनका प्रयोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बैक्टीरिया तथा वायरस (विषाणु) जैसे बाह्य पदार्थों को पहचानने तथा उन्हें बेअसर करने में किया जाता है। ये आम तौर पर पांच संरचनात्मक ईकाइयों से मिल कर बने हैं-जिनमे से प्रत्येक की दो बड़ी व भारी श्रृंखलाएं तथा दो छोटी व हल्की श्रृंखलाएं होती हैं-जो एक साथ मिल कर
एंटीबॉडी एक तरह से सफेद रक्त कोशिका से निर्मित होती
1हैजिन्हें प्लाविका कोशिका (प्लाज़्मा सेल) कहा जाता है। प्रतिपिंड (एंटीबॉडी) भारी श्रृंखलाएं तथा प्रतिपिंड (एंटीबॉडी) भी कई विभिन्न प्रकार के हैं, जो सामूहिक रूप से अलग-अलग प्रकार के आइसोटाइप (isotypes) बनाते हैं, जो उनकी भारी श्रृंखला पर आधारित होते हैं। स्तनधारियों में पांच विभिन्न प्रकार के प्रतिपिंड (एंटीबॉडी) ज्ञात हैं, जो अलग अलग कार्य करते हैं, तथा वे विभिन्न प्रकार के बाह्य पदार्थ से लड़ने के लिए उचित प्रतिरक्षा (इम्यून) प्रतिक्रिया को जानने में सहायता करते
एंटीबॉडी कैसे काम करते हैं मनुष्य शरीर में
1जब कोई विदेशी पदार्थ शरीर में प्रवेश करता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली इसे विदेशी के रूप में पहचानने में सक्षम होती है क्योंकि एंटीजन की सतह पर अणु शरीर में पाए जाने वाले अणुओं से भिन्न होते हैं। आक्रमणकारी को खत्म करने के लिए, प्रतिरक्षा प्रणाली कई तंत्रों को बुलाती है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण-एंटीबॉडी उत्पादन शामिल है। एंटीबॉडी विशेष सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा निर्मित होते हैं जिन्हें बी लिम्फोसाइट्स (या .) कहा जाता हैबी सेल )। जब एक प्रतिजन बी-कोशिका की सतह से बंधता है, तो यह बी कोशिका को एक समान कोशिकाओं के एक समूह में विभाजित और परिपक्व होने के लिए उत्तेजित करता है जिसे क्लोन कहा जाता है। परिपक्व बी कोशिकाएं, जिन्हें प्लाज्मा कोशिकाएं कहा जाता है, रक्तप्रवाह और लसीका प्रणाली में लाखों एंटीबॉडी का स्राव करती
डॉ सरोज सिंह का अनुभूत प्रयोग एलर्जी उपचार के निष्कर्ष
1जब शरीर को कोई बीमारीअटैक करती हैं तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यह विश्वास कर लेती है। उसने जो चीज खाई है वह । शरीर के लिए हानि कारक है या शरीर को आवश्यकता यह हमारे शरीर मैं सिगनलिंग पावर होता जो वैम्टोरिया तथा वायरस विषाणु जैसे बाहरी पदार्थों को पहचान ने तथा उन्हें बेअसर करने में किया जाता है सबसे महत्वपूर्ण बात की (एंटीबॉडी का उत्पादन सफेद रक्त कोशिकाओं से होता है।
लेकिन मनुष्य जब जन्म लेता है तो90%सही रहता है । प्लाज्मा कोशिका अब वीच मे कैसे इतना वीक हो गयी तो जो हमारे शरीर का रक्त प्रवाह होता उसमे स्राव होने के कारण (एंटीवाड़ी) कमजोर हो जाती हो जैसे आप जानते है आप को याद दिलाता हु जब डेंगू बुखार मे तो शरीर मे सफेद रक्त जिसे प्लेटलेट्स कहते हैं कम होने पर ब्लड की ( ब्रेन व शरीर नाडिया) जिससे ब्लड जाता है। उसमें रिसाव होने लगता है तो आप अज्ञानता में रहते है इसकी कोई जानकारी नहीं देता है तो शरीर मे जब ब्लड का रिसाव होगा तो जीवन बचना मुश्किल हो जाता हो इसी लिये ड्रैगू बुखार बहुत ही खतरनाक सावित हुआ तो हम लोगो को जागरूक होने की आवश्यकता है।
एंटीबॉडी बूस्टर 100% आप के ऊपर निर्भर
1अब बात आपको यह भी बताना चाहता हु की जो अपने जीवन में अनुभूत चिकित्सा किया उसमे सामने आया की आप को चाहे तो अपने शरीर का एंटीबॉडी जो खर्च करते है डेली। के जीवन मे उसमे 5%अपने शरीर की सफेद रक्त कोशिका को जो आप के सामने डा० सरोज सिंह लेते नारियल पानी का पानी ) आप पूरे माह मे अगर 30 दिन 5 दिन ले तो पूरे जीवन एलजी आप को अटेक नही कर सकती जब सफेद रक्त कोशिका पर्याप्त रहेंगी तो शरीर का सिग्नलीग पावर अच्छा रहेगा
2तो नेचुरल जो भी खा रहे सब मे सिग्नलीग सिस्टम प्रयत्ति मात्रा मे पापा जाता है। पैकेट वन्द जे भी खादय पदार्थ व जूस जो भी है। यह शरीर के सिग्मीलंग पावर को ध्वस्त करते हैं। और पुरुष महिला बच्चे इसकी चपेट में अनजाने में आ जाते है और उम्र जल्दी ही उनकी स्पीड के साथ कुढ़ापे की तरफ भागती चली जाती देखते देखते शरीर जैसे झरिया, पुरुषार्थ
बुढ़ापे की तरफ बढ़ता जीवन
1जीवन हाथो से निकल जाता हो तो धन जन सोहरत सब . रह जाती है। उनका प्रयोग अपने जीवन मे नहीं कर पाते केवल (अज्ञानता के कारण) तो जीवन का आनन्द लो मनुष्य जीवन जल्दी नही मिलता बड़े अच्छे कर्मा से मिलता है और अगर आप के जीवन में जीविका चलाने की मजबूरी हो टाइम नहीं तो आप व्यस्त रहो लेकिन जो दवा मप बता रहा विश्वास कर जीवन में एक हिस्सा बना ले
2दुनिया विमार है। । यह मेरा प्रसनल जीवन का अनुभूत चिन्त्सिा आपसे शेयर कर रहा हु जो अपने जीवन चिकिता मे अनुभूत किया जैसे बच्चे का जन्म से ही ले लो वच्या पहली बार महिला पुरुष जन्म देने में शिथिल होते हैं हारमोन्स हो जो पुरुष महिला का हो जब हारमोन्स साथ नही दिया संयोग वस चाहे महिल L. H. FSH इस्ट्रोजन व पुरुष के टेस्ट्रोस्टरोन हुआ तो शादी के एक साल बाद से अगर वेवी का गर्भधारण नहीं हुआ तो अस्पताल का चम्कर लगने की शुरुआत हो गयी फिर अगर जल्दी सफल होकर गर्भधारण हो गया तो ठीक हो गया शकुन मिल गपा संजोग बस अगर लेट हुआ तो लोग भी ताने मारने लगते हैं पुरुष महिला को तो पति पत्नी को तो आईवीएफ का निर्णय
IV F आई बी एफ मे नेचुरल हारमोंस ना होना भी बेबी को एंटीबॉडी की जो दंपत्ति हारमोंस का शिकार है। तो IVE का फैसला ले लेते हो और एक IVE सेन्टर जल्द सफल हो जाते पहले यह सफल रेट मात 20%था अब सफलता रेट 50% तक हो गयी हो और दमपन्ति सपोग बस सफल हो गया तो बेबी का जन्म हुआ जन्म दे दिये समाज अब सम्मानित तरीके से देखना सुरु कर दिया
1अब एक बात याद दिलाना है अगर आप IVF करा लिपे तो पुरुष हारमोन्स या महिला हारमोन्स यह नेचुरल नहीं होते। जब नेचुरल हारमोन्स नहीं हो तो जीवन कैसा होगा आप खुद समझ सकते हैं महिला पुरुष हारमोन्स इंजेक्शन का परिणाम जो महिला के ऊपर खास कर असर दिखाता है बच्चे जन्म के बाद मोटापा पर व बुढ़ापे की तरफ शरीर दिखने लगती हैतो बच्चा कैसा होगा आप खुद समझ सकते हैं
महिला का प्रोलेम्टीन हारमोंस नहीं तो स्तन में दूध ना होना फैशन या मजबूरी एंटीबॉडी को कमजोर करने का कारण
1महिला के स्तन में संयोगवस दूध लाने वाला वाला हारमोंस नहीं है तो महिला की मजबूरी बच्चे को दूध नहीं पिला पाएगी दूसरा नए आधुनिक जमाने में कोई मां अपने बच्चे को दूध पिलाना पसंद नहीं करती तो बच्चे की एंटीबॉडी कैसे मेंटेन होगी जो बच्चे को दूध मिल रहा है पैकेट बंद कंपनी 99 के चक्कर में उस में दम नहीं की बच्चे की एंटीबॉडी मेंटेन हो तो आप खुद समझ गए होंगे
होम्योपैथिक दवा जो एंटीबॉडी मेंटेन करते हैं
डॉ सरोज सिंह सिंह अगला रिसर्च जल्द अपडेट होगा बाद
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