गठिया रोग होम्योपैथी नेट्रम म्यूर सल्फर




गठिया रोग होने का क्या कारण है

इसका मतलब है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली - जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है - गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को पंक्तिबद्ध करती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है। इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँच सकता है।

गठिया हड्डी की  होम्योपैथिक दवा डॉक्टर सत्य व्रत नंट्रम म्यूर एवं सल्फर चिकित्सीय अनुभव गठिया उपचार इन हिंदी








1डॉक्टर सत्व अपनी चिकित्सा जीवन की अद्भुत चिकित्सा गठिया पर जो भी प्रयोग किया है वह आपके सामनेडॉ० वनेंट अपनी पुस्तक-'गाउट एण्ड इट्स क्युर' में लिखते हैं : गाउट के रोग में नंटम म्यूर ने मेरे हाथों बहुत लाभ किया है। इसके सेवन से पेशाव गाढ़ा हो गया और रोग का आक्रमण टूट गया। मैं अब भी उन रोगियों पर इसका प्रयोग करता हूँ जिन्होंने कुनीन का अधिक सेवन किया हो, शीत-प्रकृति के हों, या जिनका रोग समुद्र के पास जाने

2भड़क उठे। मैं 6 शक्ति का प्रयोग करता हूँ। इस शक्ति के रोगी को देता हूँ। हर दो या तीन घंटे बाद इसे देता हूँ और आशा करता है कि रोगी का मूत्र गाढ़ा तथा रंग में गहरा हो जायगा। ऐसा होने में 3-4 दिन लगते हैं। गाउट की जो ओषधि मूत्र को गाढ़ा नहीं करती उसे गाउट में मैं अनुपयोगी समझता हूँ। 6 ग्रेन


3डॉ० लुटेज एक देवी के नीरोग होने की कथा इस प्रकार लिखते है: 67 वर्ष की श्रीमती • 40 वर्ष से गठिया से पीड़ित थीं। गठिया का दर्द दो और पाँच हफ्ते छोड़ छोड़कर होता था और तीन दिन रहता था। रोग होने के दिनों उन्हें अत्यन्त दर्द, भयंकर जी मचलाना, सिर के सिर्फ़ एक तरफ़ दर्द और कर्ण-नाद का शिकार होना पड़ता था। प्रकाश के सामने वह आँखें नहीं खोल सकती थीं। कानों से सुनाई नहीं देता था। पीठ की तरफ़ दर्द की शिकायत करती थी। जबर्दस्त कब्ज रहता था। बचपन में उसे त्वचा का रोग हुआ था। रोगी की सब तरह परीक्षा करके सल्फ़र दिया गया, परन्तु साथ कह दिया गया कि इस ओषधि के बाद उसके अनेक दबे हुए रोग उभरेंगे जिनसे तबीयत बिगड़ेगी, परन्तु अगर घबराओगी नहीं तो अन्त में बिल्कुल ठीक हो जाओगी। जैसा कहा था वैसा ही हुआ


4उसका कब्ज बढ़ गया। दवा लेने के 4 सप्ताह बाद भयंकर सिर दर्द हुआ, परन्तु मैंने कोई दवा नहीं दी क्योंकि मैं जानता था कि उसका भला इसी में है। जब तक सल्फ़र अपना पूरा काम नहीं कर लेती तब तक बीच में दखल देने से मामला बिगड़ सकता था। इसके बाद उसके अन्य कष्ट उभरने लगे जिन्हें ऐलोपैथी से दबाया गया था। इस रोगी को 10 वर्ष पहले शरीर के बायीं तरफ़ दर्द उठा था; वह लौट आया दो दिन रहा, फिर चला गया। उसके बाद उसे दमा हुआ जिसे वह 15 साल पहले भुगत चुकी थी और उसे दबा चुकी थी। वह भी कुछ दिन ही रहकर चला गया। फिर लिवर की शिकायत खड़ी हुई जो 30 साल पहले हुई थी और वह उससे मरते-मरते बची थी। दवा लेने के दो महीने बाद सिर दर्द आदि के लक्षण धीरे-धीरे कम होने लगे। अन्त में एग्जीमा प्रकट हुआ। वह भी चला गया। यह देवी सब रोगों से निपटकर पूर्णतया स्वस्थ हो गई। इस स्वास्थ्य में पहले नंदम म्यूर और फिर सल्कर ने काम किया




डॉ सरोज सिंह होम्योपैथिक चिकित्सा अनुभूत प्रयोग

मैंने अपने चिकित्सा जीवन में बहुत गठिया पेशेंट पर अनुभव किया है यह अपना स्थान पर बरकरार रखी है होम्योपैथिक दवा हंड्रेड परसेंट कारगर है विश्वास करके होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करो यह किसी मर्ज के लिए नहीं होते हैं इस शरीर के सिम्टम्स के हिसाब से दिया जाता है सल्फर और नेट्रम म्यूर गठिया रोग में कामयाब रहे होम्योपैथिक दवा का डोज किसी नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से फिक्स कराकर ही ले






रूमेटाइड अर्थराइटिस (गठिया) के साथ जीवन




परिचय

गठिया रोग एक दीर्घकालिक अवस्था है जिसके होने से जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आने लगती है। लक्षण आम तौर पर हाथ, पैर और कलाई को प्रभावित करते हैं।


कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है जहाँ लक्षण बद से बदतर हो जाएँ, जिसे फ्लयेर-अप्स या फ्लेयर्स के नाम से जाना जाता है।


यूँ तो फ्लेयर्स का अनुमान लगाना मुश्किल होता है, लेकिन उपचार की सहायता से इन फ्लेयर्स की संख्या और फ्लेयर्स से हो रहे जोड़ों के नुकसान को लम्बे समय तक के लिये कम किया जा सकता है।


गठिया रोग से प्रभावित कुछ लोगों को शरीर के अन्य भागों में समस्याओं का अनुभव या सामान्य तौर पर देखे जाने वाले लक्षण जैसे थकान और वजन में कमी का अनुभव होने लगता है।


चिकित्सक की सलाह कब लें






यदि आपको लगता है कि आप को गठिया रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिये ताकि वे असली कारण की पहचान कर सकें।


गठिया रोग का निदान जल्द महत्वपूर्ण है क्योंकि जल्दी उपचार से बदतर हो रही हालत को रोका जा सकता है और जोड़ों को पहुँचने वाले जोखिम को कम करने में सहायता म

गठिया रोग के कारण

गठिया रोग एक स्व-प्रतिरक्षित रोग है। इसका मतलब है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली - जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है - गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को पंक्तिबद्ध करती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द होता है।


इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँच सकता है।


ये स्पष्ट नहीं है कि प्रतिरक्षा प्रणाली में समस्या आने का कारण क्या है, हालाँकि आप एक बड़े जोखिम में हैं, अगर:


आप एक स्त्री हैं

आपके परिवार में पहले किसी को गठिया रोग हुआ हो 

आप धूम्रपान करते हों

गठिया रोग का इलाज

यूँ तो गठिया रोग का कोई इलाज नहीं है। किन्तु, गठिया रोग से ग्रसित कई लोगों को शीघ्र निदान और उचित उपचार से फ्लेयर्स को महीनों या वर्षों तक रोकने में सहायता मिली है। इससे उन्हें पूर्ण जीवन जीने और नियमित रोजगार जारी रखने में सहायता मिल सकती है।


मुख्य उपचार के विकल्प इस प्रकार हैं:


लंबे समय तक दवा करने से इसके लक्षणों में राहत मिलती है और इस अवस्था की प्रगति को धीमा किया जाता है।

दूसरे सहायक इलाज जैसे, फिज़ियोथेरेपी और ओक्युपेशनल थेरेपी से आपको चलने-फिरने और रोज़मर्रा की गतिविधियों में आने वाली किसी भी तरह की समस्याओं से निपटने में सहायता मिलती है।

जोड़ों में हो रही समस्याओं को सर्जरी से दूर किया जाता है।

गठिया रोग के इलाज के बारे में पढ़ें.


दर्द, अकड़न और जोड़ों में क्षति को ठीक से जाँचने के बाद, आपको साधारण दैनिक कार्यों को करने में बदलाव लाना पड़ सकता है। उन्हें करने में कठिनाई आ सकती है या पूरा करने में ज़्यादा समय लग सकता है।


गठिया रोग की जटिलताएँ

गठिया रोग होने से अन्य बीमारियों के लक्षण पैदा हो सकते हैं, जो कभी-कभी जीवन के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं।


संभावित जटिलताएँ इस प्रकार हैं:


कार्पल टनल सिंड्रोम

शरीर के अन्य भाग (जैसे फेफड़े, हृदय और आँखों) में सूजन

दिल का दौरा और सदमा बढ़ने का जोखिम

ये सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि गठिया रोग को नियंत्रित किया जाये ताकि इससे होने वाली जटिलताओं और जोखिम को कम करने में सहायता मिल सके।


लक्षण

गठिया रोग के मुख्य लक्षण हैं; जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न का आना। इसके कारण सामान्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं और शरीर के अन्य भागों में सूजन बढ़ सकती है।


अकसर गठिया रोग के लक्षण धीरे-धीरे और कई हफ्तों में बढ़ते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये बढ़त जल्दी देखने को मिल सकती है।


एक व्यक्ति के लक्षण दूसरे व्यक्ति से भिन्न हो सकते हैं। ये लक्षण आते-जाते रहते हैं और समय के साथ बदल सकते हैं। हालत कमज़ोर होने पर आपको कभी-कभी फ्लेयर्स का अनुभव हो सकता है और लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।


जोड़ों को प्रभावित करने वाले लक्षण

गठिया रोग मुख्य रूप से जोड़ों को प्रभावित करता है। यह शरीर में किसी भी जोड़ में समस्या पैदा कर सकता है, हालाँकि हाथों और पैरों में छोटे जोड़ सबसे पहले प्रभावित होते हैं।


गठिया रोग आमतौर पर जोड़ों को समान रुप से प्रभावित करता है (शरीर के दोनों भागों को एक ही समय में और एक ही तरह से) लेकिन हमेशा ऐसा ही हो ये ज़रूरी नहीं है।


जोड़ों को प्रभावित करने वाले मुख्य लक्षण नीचे उल्लेखित हैं


दर्द

गठिया रोग से होने वाला जोड़ों का दर्द अकसर लगातार और चुभने वाला दर्द है। यह अक्सर सुबह के समय या फिर लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने के बाद अधिक हो जाता है।


जकड़न

गठिया रोग से प्रभावित जोड़ों में जकड़न महसूस की जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि असर आपके हाथों पर पड़ा है, तो संभवत: आप पूरी तरह से अपनी उँगलियाँ नहीं मोड़ सकते या मुट्ठी नहीं बना सकते हैं।


जोड़ों के दर्द की तरह ही जकड़न अक्सर सुबह के समय या फिर लंबे समय तक बैठे रहने के कारण होती है। ऑस्टियो आर्थराइटिस नामक गठिया से होने वाले जोड़ों का दर्द उठने के 30 मिनट के भीतर बंद हो जाता है, लेकिन गठिया रोग से होने वाली सुबह की जकड़न अक्सर इससे अधिक समय तक रहती है।


सूजन, गरमी और लाल हो जाना



गठिया रोग से प्रभावित जोड़ों की परत लाल हो जाती है, जिसके कारण जोड़ सूज कर गर्म हो जाते हैं और छूने पर नरम महसूस होते हैं।


कुछ लोगों में, प्रभावित जोड़ों के आसपास की त्वचा के नीचे गठिया ग्रंथि या कड़ी सूजन बढ़ने लगती है।

अतिरिक्त के लक्षण


अतिअतिरिक्

गठिया रोग से प्रभावित कुछ लोगों को जोड़ों की समस्याओं के साथ और भी जिन सामान्य लक्षणों का अनुभव होता है, वो हैं:


थकान और ऊर्जा की कमी

बढ़ा हुआ तापमान (बुखार)

पसीना

भूख कम लगना

वजन में कमी

गठिया रोग से होने वाली जलन या सूजन कभी-कभी शरीर के अन्य भागों को प्रभावित कर समस्याएँ पैदा कर सकती हैं, जैसे कि:


आँखों का सूख जाना - यदि आँख प्रभावित हैं

सीने में दर्द – अगर दिल या फेफड़े प्रभावित हैं

कारण

गठिया रोग एक स्वप्रतिरक्षित अवस्था है, जिसका अर्थ है जब प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करता है, तो ये होता है। हालाँकि, यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि ऐसा किस कारण से होता है।


सामान्यतया आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली प्रतिरक्षी बनती है जो बैक्टीरिया और वायरस पर हमला करके संक्रमण से लड़ने में सहायता करती है।


यदि आपको गठिया रोग है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली अंजाने में प्रतिरक्षी को आपकी जोड़ों की परत पर भेजती है जहाँ वे जोड़ के आसपास वाली कोशिकाओं पर हमला करते हैं।


इसके कारण जोड़ों को ढकने वाली कोशिकाओं की पतली परत (सिनोवियम) में जलन और सूजन होने लगती है, जिससे खतरनाक रसायन निकलते हैं और आसपास क्षति पहुँचती है:


हड्डियाँ

नरम हड्डी/कार्टिलेज - हड्डियों के बीच लचीला जोड़ने वाला ऊतक

शिरा - वह ऊतक जो हड्डी को मांसपेशियों से जोड़ता है

स्नायुबंधन - वह ऊतक जो हड्डी और कार्टिलेज को जोड़ता है

यदि इस अवस्था का इलाज न किया जाये तो इन रसायनों के कारण जोड़ धीरे-धीरे अपना आकार और संरेखण खो बैठते हैं। अंत में, यह पूरी तरह से जोड़ को नष्ट कर सकता है।


प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों पर क्यूँ हमला करती है, इसको लेकर विभिन्न सिद्धांत व्यक्त किये गए हैं, जैसे एक कारण संक्रमण या वायरस हो सकता है, लेकिन इनमें से कोई भी सिद्धांत सिद्ध नहीं किया जा सका है।


संभावित जोखिम वाले कारण

जिन चीजों की वजह से गठिया रोग का बढ़ना आपके लिये हानिकारक हो सकता है, उनमें शामिल हैं:


आपके जीन्स - कुछ सबूत हैं कि गठिया रोग खानदानी हो सकता है, हालाँकि इस अवस्था को वंशानुक्रम से पाने को कम आँका गया है क्यूँकि माना जाता है कि जीन्स इस अवस्था में छोटी भूमिका निभाते हैं।

हार्मोन - गठिया रोग पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है, जो कि हार्मोन एस्ट्रोजन के प्रभाव के कारण हो सकता है, हालाँकि इस सम्बन्ध को साबित नहीं किया जा सका है।

धूम्रपान - कुछ प्रमाणों ने सुझाया है कि जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें गठिया रोग के विकास का एक बड़ा जोखिम बना रहता है।

रोग की पहचान

गठिया रोग का पता लगा पाना और निदान कठिन है क्यूँकि जोड़ों में अकड़न और जलन कई अन्य कारणों से हो सकती है और इस अवस्था के लिए कोई निश्चित परीक्षण उपलब्ध नहीं है।


यदि आपको ये लक्षण दिखाई दें तो आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि वे कारण का पता लगा सकें।


अपने डॉक्टर से मिलना

आपके डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षा लेंगे जिनमें जोड़ों में किसी भी तरह की सूजन और वो कितनी आसानी से हिल पा रहे हैं, ये देखा जाएगा। आपके डॉक्टर आपसे इन लक्षणों के बारे में पूछताछ करेंगे।


सभी लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर को बताना महत्वपूर्ण है, केवल वही लक्षण नहीं जो आपको महत्वपूर्ण लगें, इससे उन्हें सही निदान करने में सहायता मिलेगी।


यदि आपके डॉक्टर का मानना है कि आपको गठिया रोग है, तब वो आपको विशेषज्ञ के पास भेजेंगे। (गठिया रोग विशेषज्ञ)


रक्त परीक्षण

आपके डॉक्टर निदान की पुष्टि करने के लिए रक्त परीक्षण करने के लिये बोल सकते हैं।


कोई भी रक्त परीक्षण निश्चित रुप से गठिया रोग को साबित या नकार नहीं सकता है। लेकिन कुछ परीक्षणों के बाद इस अवस्था के संभावित संकेत देखने को मिल सकते है


हड्डियों से संबंधित इलाज समय पर ना होने पर अर्थराइटिस में कन्वर्ट हो जाता है इन हिंदी



डॉक्टर सरोज सिंह  40 की उम्र के बाद अगर शरीर का आवश्यक विटामिन डी जो हड्डियों की रक्षा करती हैं पुरुष या महिला हो उनका क्षरण होता है समय से शरीर की सर्विसिंग करके हड्डियों को अर्थराइटिस में में कन्वर्ट होने से रोका जा सकता है रोका जा सकता है हड्डियों के लिए R 3 पावर सामी कंपनी का बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है कार्टिलेज सूखे हैं तो भी पुनर्जीवित कर देता है उसके साथ होने ओमेगा बाय प्लस लेना आवश्यक होता है जो ग्रीस को मेंटेन करता है इसी तरह से शरीर की हड्डियों को सर्विसिंग करके 40 प्लस महिला पुरुष अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं नहीं तो डॉक्टरों के चंगुल में फंस कर जीवन नर्क हो जाएगा साल भर में एक बार चाहे कोई प्रॉब्लम हो या ना हो महिला का एमसी से कमजोरी हो जाती है पुरुष का सेक्स से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं किसी किसी महिला पुरुष का लिवर फंक्शन टेस्ट अल्कलाइन फास्फोरस ज्यादा निकलता है  हमारे ब्लॉक लिवर फंक्शन  पर जाकर जानकारी पूरी तरह ले सकते हैं अवश्य ब्लॉक को देखें लीवर से संबंधित ब्लॉक






Comments

Popular posts from this blog

मस्तिष्क क्या है

महिलाओं को खूनी बवासीर क्यों होता है

पुरुष के लिए अखरोट के फायदे