पुरुष अगर लहसुन 6 दाने भू नकर खाए तो पुरुषार्थ के बहुत फायदे

 


लहसुन में कौन सी विटामिन पाई जाती 
 1क्योंकि लहसुन में एलिकिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है. जिसमे एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा लहसुन में विटामिन-B और विटामिन-C पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे तत्व भी पाए जाते हैं: लहसुन में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. हम लहसुन से जुड़े ऐसे ही कुछ फायदे बताने जा रहे हैं.


2नई दिल्लीः बदलती लाइफस्टाइल में पुरुष अपनी सेहत का ध्यान ज्यादा नहीं रख पाते हैं. खुद को एक्टिव और एनर्जी से भरपूर बनाए रखने के लिए पुरुष कई महंगी चीजों का सेवन करते हैं. लेकिन हम आपको एक ऐसी चीज की के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके ही घर में पाई जाती है. जिसकी एक कली खाने से आपको कही जाने की जरूरत नहीं होगी और सेहतमंद रहने के साथ-साथ आप कई बीमारियों से दूर भी रहेंगे. यह चीज कुछ और नहीं बल्कि लहसुन है. लेकिन क्या आप जानते है कि लहसुन की सूखी कलियां खाने के बहुत फायदे होंते हैं. 

बहुत फायदेमंद होती है लहसुन की कलियां 
दोस्तों लहसुन का प्रयोग घर-घर में किया जाता है. इसलिए यह आसानी से आपकी किचन में ही आपको मिल जाएगा. लहसुन की कच्ची कलियां बहुत फायदेमंद होती हैं. लहसुन की यही छोटी सी कलियां पुरुषों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. क्योंकि लहसुन में एलिकिन नामक औषधीय तत्व पाया जाता है. जिसमे एंटीऑक्सिडेंट, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा लहसुन में विटामिन-B और विटामिन-C पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा लहसुन में सेलेनियम, मैगनीज कैल्शियम जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. यही वजह है कि पुरुषों को अक्सर कच्चा लहसुन खाने की सलाह दी जाती है. 



ब्लड प्रेशर करता है कंट्रोल 
जिन पुरुषों को को ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उनके लिए लहसुन बेहद फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि लहसुन का सेवन करने से ब्लड प्रेशर के मरीज ठीक रहते हैं. इसलिए डॉक्टर भी पुरुषों को लहसुन खाने की सलाह देते हैं. 


पुरुषों को रात में जरूर खाना चाहिए लहसुन 
पुरुषों को रात में लहसुन जरूर खाना चाहिए. क्योंकि लहसुन में एलीसिन नाम का पदार्थ पाया जाता है जो पुरुषों के मेल हार्मोन को ठीक रखता है. इसके अलावा लहसुन का सेवन करने से पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का खतरा भी दूर होता है. लहसुन में भारी मात्रा में विटामिन और सेलेनियम भी पाया जाता है, जिससे स्पर्म क्वालिटी बढ़ती है. इसलिए पुरुष अगर रात में सोने से पहले लहसुन की पांच कलियां भी खा लेंगे तो उन्हें बहुत फायदे मिलते हैं. इसलिए पुरुषों को लहसुन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. 

लहसुन से पेट रहता है साफ  
आज की भागदौड़ भरी लाइफ में पेट दर्द की समस्या आम बात हो गई है. लेकिन लहसुन का सेवन करने से आपकी पेट दर्द की समस्या दूर जाती है. लहसुन की कलियों को भूनकर खाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है. इसलिए पुरुषों को लहसुन की कलियां खाने की सलाह दी जाती है. 


शरीर के खराब तत्व निकालता है बाहर 
लहसुन हमारे शरीर से विषाक्त तत्व बाहर निकालता है. इसलिए सलाह दी जाती है कि रात को सोने से पहले भुना हुआ लहसुन खाएं. इससे यूरिन के माध्यम से शरीर में मौजूद विषाक्त तत्व बाहर निकलते हैं. भुना हुआ लहसुन पौरुष शक्ति को बढ़ाता है. इसमें टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने का गुण पाया जाता है.


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Roasted Garlic For Male: पुरुष अगर डेली खाएंगे 2 कली भुना हुआ लहसुन, तो मिलेंगे ये 6 गजब के फायदे इन हिंदी



Roasted Garlic Benefits For Male: पुरुष अगर जल्दी थक जाते हैं या कमजोरी महसूस करते हैं तो भुने हुए लहसुन को दूध के साथ चबाकर खाने की सलाह दी जाती है. इसके नियमित सेवन से शरीर को कई बड़ी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है. फैट के साथ-साथ यह नुस्खा डायबिटीज को भी कंट्रोल में रखता है.

Roasted Garlic For Men: नियमित सेवन से शरीर को कई बड़ी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है.
खास बातें
पुरुष जल्दी थक जाते हैं या कमजोरी महसूस करते हैं तो भुने हुआ लहसुन खाएं.
Roasted Garlic For Men: इसे दूध के साथ चबाकर खाने की सलाह दी जाती है.
इसके नियमित सेवन से शरीर को कई बड़ी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकता है.
Roasted Garlic Health Benefits: वैसे तो लहसुन का सेवन सभी के लिए फायदेमंद है, लेकिन भना हुआ लगसुन कई कारणों से पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए कमाल कर सकता है. लहसुन का सेवन शारीरिक कमजोरी से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. यह न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं से भी दूर रख सकता है. इसके नियमित सेवन से यौन समस्याएं भी समाप्त हो सकती हैं. लहसुन में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं. खासतौर पर पुरुषों के लिए लहसुन का सेवन ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. अगर पुरुष जल्दी थक जाते हैं या कमजोरी महसूस होती है तो भुने हुए लहसुन को दूध के साथ चबाकर खाने की सलाह दी जाती है. इसके नियमित सेवन से शरीर कई बड़ी बीमारियों से सुरक्षित रहता है. वजन के साथ-साथ यह डायबिटीज को भी नियंत्रित करता है.

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1. यौन समस्याओं को रखता है दूर
यौन समस्याओं से पीड़ित सभी पुरुषों को लहसुन का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है. भुने हुए लहसुन में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाने का गुण होता है, जो पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है. इसके नियमित सेवन से शक्ति में वृद्धि हो सकती है.

2. विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है
लहसुन हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. रात को सोने से पहले भुना हुआ लहसुन खाने की सलाह दी जाती है. इससे शरीर में मौजूद विषैले तत्व पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं.


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3. हार्ट हेल्थ को करता है बूस्ट
लहसुन में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो दिल के लिए सबसे जरूरी होता है. लहसुन के सेवन से हार्ट अटैक जैसे कई खतरों का खतरा भी कम हो जाता है.

4. प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में कमाल
लहसुन एक शक्तिशाली घटक है जिसे कई संभावित स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है। कुछ मानव और पशु अध्ययनों के अनुसार, यह रक्त प्रवाह को बढ़ाकर और प्रजनन क्षमता को बढ़ाकर यौन क्रिया में सुधार कर सकता है.

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5. थकान दूर करने में भी फायदेमंद
भुने हुए लहसुन की दो कलियां भी रोजाना खाली पेट खाने से फायदा हो सकता है. इससे आप एक्टिव महसूस कर सकते हैं और आपकी फिटनेस भी दिन-ब-दिन मजबूत हो सकती है.

6. पोषक तत्वों से भरपूर
लहसुन में आवश्यक खनिज विटामिन-सी, विटामिन-बी6, फास्फोरस, मैंगनीज, जिंक, कैल्शियम और आयरन पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें थोड़ी मात्रा में प्रोटीन और थायमिन और पैंटोथेनिक एसिड पाया जाता है, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.


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7. सर्दी, खांसी और जुकाम से बचाता है
भुना हुआ लहसुन आपको सर्दी, खांसी और जुकाम से दूर रखने में मदद करता है. भुने हुए लहसुन में एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो फ्लू से होने वाली इन बीमारियों से शरीर की रक्षा करने में मदद करते हैं.


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कायाकल्प

1अगर आप साठ-सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, त्वचा पर झुर्रियाँ आ गई हैं, दिखाई कम देने है, पर नियंत्रण नहीं रहा, हाथ पैर काँपने लगे हैं और बुढ़ापा सिर पर है तो नये सिरे से बीस साल की आयु में लौट सकते हैं। यह कायाकल्प लहसुन के सहारे ही होगा। हाँ, इसके लिए एक ऐसे सेवक की भी ज़रूरत है जो पूरे तीन महीने आप ही की देखभाल पर रहे। उसे आपके लिए लहसुन छीलना और घोटना पड़ेगा, शहद और मक्खन, मुनक्का और आँवला, गो-दुग्ध और सरसों का तेल मुहैया करना पड़ेगा। इतना प्रबन्ध हो सकता है तो कायाकल्प भी हो सकता है ।

2कायाकल्प के लिए एक शर्त यह भी है कि शरीर बिल्कुल ही जर्जर और मृतप्राय न हो चुका हो । शरीर की कोशिकाओं में इतना दम होना ही चाहिए कि वे लहसुन की ताकत झेल सकें, क्योंकि लहसुन बहुत शक्तिशाली पदार्थ है। स्थान भी रमणीय, शीतल और हवादार हो तथा मौसम भी वसन्त का अच्छा रहता है। लहसुन का प्रयोग सप्ताहों के अनुसार अलग-अलग दिनचर्या में बाँटना पड़ता है, इसलिए आप पर विशेष ध्यान दें।

पहला सप्ताह - सिल-बट्टा या कूँडी-सोटा पहले से मँगा - लें। तीन किलो लहसुन ऐसा हो जिसकी मोटी-मोटी कलियाँ हों । पानी गर्म करने को तांबे का पात्र रक्खें। पहले दिन उठकर स्वच्छ होने के बाद गायत्री मंत्र का पाठ शुरू कर दें। केवल मंत्र रटने से

हे विश्व - रक्षक! मेरे प्राण-प्यारे! सबके दुःख दूर करनेवाले! हे आनन्द के सिन्धो मैं तुम्हारे दिव्य तेज का ध्यान करता हूँ और तुम्हें वरता हूँ। अपने-आपको मैं तुम्हारे समर्पण करता हूँ। मेरी बुद्धि को अपनी ओर ले चलो, मेरे प्रभो !

इस प्रार्थना के साथ मुस्कराइये और यह अनुभव कीजिये कि ईश्वर आपके सामने विद्यमान हैं। दिन निकाल दीजिये, रात गुज़ार दीजिये, गायत्री - उपासना को ही आधार बना लीजिये। भूख भी लगेगी, प्यास भी लगेगी, मगर आप टाल जाइये। अगले दिन प्राण अधमुए- से होने लगेंगे, मगर घबराइये नहीं। किसी तरह दिन निकाल दीजिये। रात को लेटे-लेटे भी गायत्री की ही उपासना कीजिये । दो दिन बाद शरीर बिल्कुल निढाल पड़ने लगेगा, मगर भूख की माँग भी दब जाएगी। जल की बूँदों से कुल्ला करके आधार बना रहेगा। तीन दिन निराहार रहने से आपके पाँचों प्राण शिथिल पड़ सकते हैं, मगर भूख-हड़ताल में तो लोग दो-दो सप्ताह निकाल देते हैं।

चौथे दिन सेवक आपको पाँच कलियाँ लहसुन की घोटकर उसका रस पिलाएगा तो आपके शरीर में जीवन की नई लहर दौड़ने लगेगी। सुबह से शाम तक तीन-तीन घंटे बाद, कुल चार बार पाँच-पाँच कलियों का रस पीते रहिये। हर बार 50 ग्राम मक्खन भी ज़रूर खाइये। मक्खन की जगह गाय का घी लेना चाहें तो अपनी रुचि देखिये। लहसुन का रस आपकी मुर्दा हो रही कोशिकाओं (सेल्स) को झिंझोड़कर जगा देगा और ताज़ा मक्खन से वे सजीव

होने लगेंगी। नई कोशिकाएँ बनने लगेंगी और चार दिनों में उनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगेगी।

दूसरा सप्ताह - आठवें दिन कलियों के रस में 50 ग्राम शहद मिलाकर चाटिये, ऊपर से गंगा का निर्मल जल केवल आचमन के रूप में लीजिये। यह भी तीन-तीन घंटे बाद दिन में चार बार सेवन कीजिये ।

तीसरा सप्ताह — तीसरे सप्ताह में लहसुन की पाँच कलियों में के साथ दस दाने मुनक्का पिसवाइये और ग्लासभर पानी में घोलकर तीन-तीन घंटे बाद पीते रहिये। शेष समय गायत्री उपासना में मन रमाइये। रात को भी अधिकतर जागरण कीजिये और समाधि अवस्था में समय बिताइये।

चौथा सप्ताह - इस बार लहसुन को पके हुए आँवलों के मधुर रस में घोटकर पीजिये। अब आपके शरीर की त्वचा में दरारें पड़ने लगेंगी। ऊपर की खाल साँप की केंचुल की तरह उतरने लगेगी और उसके नीचे से स्वच्छ, कोमल, चमकीली और जवान त्वचा निकलने लगेगी।

दूसरा महीना – अब केवल गाय के दूध को आधार बनाइये। लहसुन की कलियाँ सरसों के तेल में भावित करके मालिश कराइये । बुढ़ापे की पुरानी जली-सड़ी त्वचा की जगह नया सुकोमल शरीर दिखाई देने लगेगा।

तीसरा महीना-दूध से शरीर की सारी दुर्बलता छँट चुकने के बाद रोजाना दो सौ ग्राम लहसुन लेने की बारी है। दस कलियाँ लहसुन की, दस ग्राम शहद, दस ग्राम बीज-रहित मुनक्का और तीसेक ग्राम मीठे आँवले- इन्हें पीसकर चम्मच से खा जाइये।



सुबह छह बजे, फिर नौ बजे, तब दोपहर बारह बजे, चौथी खुराक बाद दोपहर तीन बजे लीजिये। पूरा महीना इसी तरह निकाल दीजिए।

इस तरह इक्यानवे दिन में कायाकल्प हो जाएगा। कोई भी यह प्रयोग करके बुढ़ापे में नये सिरे से जवानी में लौट सकता है। जो काम अमेरिका और रूस के धुरन्धर विद्वान् भी नहीं कर सकते, भारतीय आयुर्वेद के अनुसार आज़माकर कोई भी नर-नारी काया कल्प कर सकता है।

पुरुष महिला बांझपनऔलाद न होना लहसुन उपचारइन हिंदी




को इकपोतिया लहसुन सिद्ध करके प्रकृति से पुत्र प्राप्ति का वरदान लेना चाहिए। यह स्त्री के गर्भाशय की शुद्धि और गर्भ स्थापना में सहायक है और पुरुष के शुक्राशय को प्रचण्ड करता है।

मिट्टी की ऐसी हँडिया और ढक्कन लाएँ जिसमें दो-ढाई किलो पदार्थ समा सके। उसमें इकपोतिया लहसुन की गिरियाँ (छिली हुई कलियाँ) डालकर शहद में डुबो दें । ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा बाँधकर गीली मिट्टी चढ़ा दें। इसे ज़मीन में गाड़कर उसी पर चूल्हा बनाएँ और सुबह-शाम उसी चूल्हे पर खाना पकाएँ। चालीस दिन बाद हँडिया निकाल लें। आधी-आधी कली पति पत्नी सुबह-शाम चबाएँ और दूध के साथ निगलें। ब्रह्मचर्य के साथ चालीस दिन सेवन करें। उनके प्रजनन अंगों में इतनी शक्ति भर जाएगी कि एक-दो बार के सहवास में ही गर्भाधान हो जाएगा।

नकली बुढ़ापा - भगवान् ने मनुष्य को सौ साल तक जवान लहसुन उपचार इन हिंदी . रहने को बनाया है। शरीर में यदि जवानी की उमंगें और जोश कम होता दिखाई दे तो लहसुन की बर्फी का भोग लगाएँ। इसके लिए किलो-भर इकपोतिया लहसुन लाएँ । उन्हें छील-काटकर घोट पीस डालें। इस कल्क (लहसुन की लेई) को पाँच किलो दूध में पकाएँ। गाय का दूध अत्युत्तम है। धीमी आँच पर जब बादामी रंग का हो जाए तो मिश्री की गाढ़ी चाशनी में डालकर बर्फी बना लें। पच्चीस-तीस ग्राम बर्फी रोज़ाना दूध के साथ खाएँ। एक ही महीने में खोई जवानी लौट आएगी।



पुरुष की नपुंसकता व्यभिचार लहसुन उपचार इन हिंदी नतीजा निकलेगा – नपुंसकता। बाज़ारू विज्ञापनों के झाँसे में न आकर - सरल उपाय करें।

(1) पचास ग्राम इकपोतिया लहसुन छीलकर देशी घी में तल लें और रोज़ इसीका नाश्ता करें। यह नुस्खा आप जीवनभ

इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे काम-शक्ति भी उफनती रहेगी और आयु भी बढ़ेगी।

(2) लहसुन का रस और तिल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर आग पर पकाएँ। जलांश सूख जाने पर लिंग के ऊपर बहुत ही हल्का लेप करें, मगर सुपारी और लिंग के नीचे की सीवन पर तेल न लगने दें। इसके बाद एरण्ड का पत्ता लिंग पर लपेटकर कपड़ा बाँध दें। हफ्ता-दस दिन में फुंसियाँ उठकर फूट जाएँगी जो इस बात की निशानी हैं कि नसों में पड़ा हुआ पानी निकल गया है। फुंसियाँ फूट जाने के बाद गाय का घी चुपड़ दें । नपुंसकता की जगह पुरुषत्व भर जाएगा।

(3) एक छटाँक लहसुन छीलकर घोट लें और उतना ही पानी मिलाकर छान लें। इस घोल में तोला-भर ( दस ग्राम) शहद मिला दें। यह गाढ़ा शर्बत पीने के डेढ़-दो घंटे बाद ढाई सौ ग्राम दूध पी जाएँ। तबीयत हो तो आधा किलो, एक किलो दूध पी लें। दो सप्ताह के उपचार बाद आप पाएँगे कि नपुंसकता दूर होकर मर्दानगी जोश मारने लगी है। इससे आँखों की ज्योति भी बढ़ेगी और बाल भी काले रहेंगे।

निमोनिया - अगर केवल फेफड़ों पर ही सर्दी का असर प हों तो लहसुन की पाँच कलियाँ पीसें और शहद में मिलाकर खि दें। अगर सीने और पसली में भी दर्द होने लगे तो वहाँ लहसुन की मालिश भी करें और ऊपर से कपड़ा लपेट दें। यदि खाँसी उठे तो पाँच कलियाँ लहसुन की, पाँच दाने मुनक्का, बंसलो






और छोटी इलायची दो-दो सौ मिलीग्राम और मिश्री चार • मिलीग्राम पीसकर कोसे (कवोष्ण) पानी के साथ, या शहद साथ चटा दें। दिन में तीन बार यह मिश्रण चटाने से निमोनिया क प्रभाव मंद पड़ जाएगा। अगले दिन रोगी की हालत देखकर एक दो बार आवश्यकतानुसार दवा दी जा सकती है। अगर मजबूरी में और कुछ खरीदना मुमकिन न हो तो चार चम्मच हल्के गर्म पानी में चार बूँदें लहसुन-रस मिलाकर ही चार-चार घंटे बाद देते रहें, रोग बच जाएगा। लहसुन इस रोग के लिए अत्युत्तम और सस्ती दवा है।


लहसुन से मौत भी काँपती है

बादशाह वही है जो जान पर खेलकर भी अपने आश्रितों को रक्षा करे। लहसुन इसीलिए बादशाह है क्योंकि यह जिस शरीर में सम्मान पाता है, उसके अंग-अंग को फौलाद की तरह मज़बूत और कुन्दन की तरह खरा सोना बना देता है। जो सही विधि से इसका सेवन करता है, उससे मौत भी कोसों दूर भागती है।

हृदय रोग का लहसुन उपचार चमत्कारिक  इन हिंदी



 
आजकल खान-पान में बदपरहेज़ी, कारों - कूलरों के मज़े और विलासी जीवनचर्या से हृदय पर बड़ा बुरा असर पड़ता है। दिल के मरीज़ इतने नाजुक हो जाते हैं कि जरा-जरा-सी बात पर उन्हें ठंडे पसीने छूटने लगते हैं, रंग पीला पड़ जाता है और नब्ज़ छूट जाती है। अगर दिन में दस-पंद्रह बूँद लहसुन की दो चम्मच शहद में मिलाकर रोज़ाना तीन-चार बार चाट ली जाएँ तो हृदय का कोई रोग ही न रहे। रक्तचाप निम्न हो या उच्च, लहसुन सबके लिए हितकारी है। श्वास के रोगियों के लिए तो यह अमृत है, जब चाहें आज़मा लें। हृदय रोगियों के लिए लहसुन का मुरब्बा, लहसुन की बर्फी, लहसुनिया दूध, लहसुन की चटनी, सब अक्सीर हैं। अगर सौ मिलीग्राम मोती-भस्म और दो सौ मिलीग्राम ● बंसलोचन को लहसुन-रस में मिला लें तो और भी उत्तम होगा। घी, तेल, खटाई, गुड़ आदि से बचें। यहाँ तक कि नमक भी कम लें। हैज़ा — गर्मियों में हैज़े का प्रकोप फैला ही करता है

ऊँचा रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर लहसुन से चमत्कारिक उपचार इन हिंदी



- कुदरत ने लहसुन में यह • खास विशेषता भर दी है कि निम्न रक्तचाप (लो ब्लडप्रेशर) हो या ऊँचा, दोनों में समान रूप से गुणकारी है। इसके लिए इकपोतिया “एक ही कलीवाला) लहसुन का पूरा हरा पौधा उखाड़ लाएँ। उसे ल-कुचलकर रस निचोड़ लें और ताज़ा पानी मिलाकर हल्का ढ़ा ही पी जाएँ। जिन्हें ऊँचे रक्तचाप की बराबर शिकायत रहती उन्हें किलोभर इकपोतिया लहसुन इकट्ठे ला रखने चाहिएँ ।

एक गाँठ छीलकर शहद में चटनी की तरह घुटवा लें और भोजन के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे दिल और फेफड़ों को भी ताकत मिलेगी और रक्त भी गाढ़ा नहीं होगा।

रक्तचाप उच्च हो या निम्न, लहसुन का मुरब्बा दोनों के लिए एक-समान हितकारी है। एक किलो लहसुन की कलियाँ छीलकर धूप में सुखा लें ताकि उनमें जल का अंश न रहे । तीन दिन की धूप काफ़ी है। इन कलियों को अमृतबान में डालकर इतना शहद मिलाएँ कि वे उसमें डूब जाएँ। इन्हें दो हफ्ते धूप में रसने दें। मुरब्बा तैयार हो जाएगा। एक कली दूध के साथ, या आधी सुबह और आधी शाम को दूध के साथ सेवन करें। निश्चित रूप से आरोग्य
 डॉ सरोज सिंह दिनांक 13 1 2022 अपडेट
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