बियर पीने के फायदे

बीयर पीने के फायदे : Beer Pine Ke Fayde

क्योंकि बियर अधिकतर जौ के किण्वन (फ़र्मेन्टेशन​) से बनती है, इसलिए इसे भारतीय उपमहाद्वीप में जौ की शराब या आब-जौ के नाम से बुलाया जाता है। संस्कृत में जौ को 'यव' कहते हैं इसलिए बियर का एक अन्य नाम यवसुरा भी है। ध्यान दें कि जौ के अलावा बियर बनाने के लिए गेहूं, मक्का और चावल का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।





लोगों के लिए अल्कोहल का सेवन हानिकारक माना जाता है, लेकिन अगर बात बीयर की करें तो इसका सीमित मात्रा में सेवन लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से शरीर को कई लाभ मिलते हैं, जिससे लोग अंजान रहते हैं। जानते हैं बीयर पीने के क्या लाभ हैं।


बीयर के फायदे – Benefits of Beer in Hindi




1किडनी के स्वास्थ्य के लिए - किडनी स्वास्थ्य के लिए बीयर पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। इस अगर सीमित मात्रा में बीयर का सेवन किया जाए तो इससे किडनी स्टोन के खतरे को कम किया जा सकता है। वहीं, अल्कोहल के सेवन से किडनी स्टोन का खतरा कम हो सकता है। वहीं, बता दें कि बीयर में लगभग 5 प्रतिशत तक अल्कोहल की मात्रा होती है। इन तथ्यों के आधार पर यह माना जा सकता है कि बीयर किडनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।


2मस्तिष्क के लिए - बढ़ती उम्र के साथ दिमाग की कार्य क्षमता कम होने लगती है, जिसका प्रभाव स्मरण शक्ति पर भी पड़ सकता है। यहां बीयर पीने के फायदे देखे जा सकते हैं, क्योंकि इसमें सिलिकॉन और हॉप्स नामक यौगिक मौजूद होते हैं, जो मस्तिष्क विकारों को रोकने का काम कर सकते हैं। इसलिए, तय मात्रा में बीयर का सेवन याददाश्त संबंधी परेशानी और अल्जाइमर की समस्या जैसे रोग के खतरे को दूर करने का काम कर सकता है।

3मजबूत हड्डियों के लिए - हड्डियों को मजबूत रखने के लिए बीयर पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। बीयर का मध्यम सेवन पुरुषों और पोस्ट मेनोपॉजल महिलाओं में हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

4अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।



किडनी में स्टोन है, तो बियर पीजिए


बियर के फायदों में सबसे पहले किडनी स्टोन का ज़िक्र आता है। अगर आपकी किडनी में स्टोन है, तो बहुत मुमकिन है कि रोज़ाना एक बीयर पीने से यह धीरे-धीरे पेशाब के रास्ते निकल जाए। फिनलैंड की राजधानी हेलसिन्की में 27 हज़ार लोगों पर हुई रिसर्च में पता चला कि रोजाना एक बियर पीने से किडनी में स्टोन होने का खतरा 40% तक कम हो जाता है। वजह यह है कि बियर में पानी और शराब दोनों होती हैं, जिससे पेशाब पतली होती है और बहाव तेज़ होता है। इससे स्टोन बनने का खतरा कम होता है।

बियर कोलेस्ट्रॉल कम करता है

जब दिल की अंदरूनी सतह पर कॉलेस्ट्रॉल और दूसरे वसा-युक्त पदार्थों की सतह जम जाती है, तो डार्क या स्ट्रॉन्ग बियर पीने से दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम होती है। यह बात अमेरिका के पेंसिलवेनिया की एक यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में सामने आई थी


ढक्कन हटाइए, दिमाग चलाइए


स्ट्रोक समझते हैं न! दिमाग से जुड़ा मामला है। आमतौर पर लोगों को स्ट्रोक तब पड़ता है, जब उनके दिमाग में खून का थक्का बन जाता है और वो दिमाग में खून और ऑक्सीज़न के प्रवाह को रोक देता है। जितने ज़्यादा थक्के होंगे, हालत उतनी खराब हो जाएगी। पर बियर पीने से खून का संचार करने वाली धमनियां लचीली हो जाती हैं और खून का संचार तेज हो जाता है। इससे खून का थक्का जमने की आशंका कम हो जाती है।


बियर डोज में पीने से हड्डियों  मजबूत होती है

कुछ समझदार लोग कह गए हैं कि अति हर चीज़ की खराब होती है। यह बात बियर पर भी लागू होती है। बियर में सिलिकॉन नाम का तत्व भरपूर मात्रा में होता है। यह वही तत्व है, जो हड्डियों को विकसित होने में मदद करता है। लेकिन, मैसाचूसिट्स की एक यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च बताती है कि अगर आप दिन में एक से दो ग्लास बियर पीते हैं, तो आपकी हड्डियों में फ्रैक्चर होने की आशंका कम होती है। लेकिन, अगर आप इससे ज़्यादा बियर पीते हैं, तो फ्रैक्चर या हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है।


बियर डायबिटीज रोकने मे कारगर साबित हुआ के मामले में सुरक्षा ही बचाव है


डायबिटीज़। भारत में तेज़ी से बढ़ती हुई बीमारी, जो शरीर को दीमक की तरह चाट जाती है। 2011 में हॉवर्ड में अधेड़ उम्र के 38 हज़ार लोगों पर हुई रिसर्च में यह नतीजा निकला कि अधेड़ उम्र के जो लोग रोजाना एक से दो ग्लास बियर पीते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज़ होने की आशंका 25% तक कम हो जाती है। वजह यह है कि बियर में मौजूद शराब शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाती है, जो डायबिटीज़ रोकने में मदद करती है।


अल्ज़ाइमर नहीं चाहते हैं तो बियर का रुख कीजिए

अल्ज़ाइमर यानी दिमाग की वह स्थिति, जब वह चीज़ें भूलने के साथ-साथ और भी कई काम बंद कर देता है। दुनिया के कई देशों में हुई रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग नियमित रूप से बियर पीते हैं, उनमें अल्ज़ाइमर या डिमेंशिया के अन्य कई प्रकार होने की आशंका 23% तक कम हो जाती है। हालांकि, रिसर्चर्स अभी तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि ऐसा क्यों या कैसे होता है। कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बियर में मौजूद शराब शरीर में गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है, जिससे दिमाग में खून का प्रवाह बेहतर होता है और इससे दिमाग का मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है। वहीं कुछ मानते हैं कि बियर में मौजूद सिलिकॉन दिमाग को शरीर में मौजूद एल्यूमिनियम से बचाता है, जो अल्ज़ाइमर की एक वजह है।


सो नहीं पाते हैं, तो डॉक्टर बियर पीने को कहेगा


इन्सोम्निया यानी सो न पाने की समस्या। जागते रहते हैं, नींद नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में आपका डॉक्टर भी आपको बियर पीने की सलाह देगा। वजह यह है कि एक तो बियर नेचुरल नाइटकैप है। नाइटकैप यानी खाने के बाद या बिस्तर पर जाने से पहले पी जाने वाली चीज़। दूसरी वजह यह है कि बियर पीने से दिमाग में डोपामीन का प्रवाह तेज होता है। डोपामीन शरीर को रिलैक्स करता है।


सब कुछ अच्छा-अच्छा देखना चाहते हैं, तो बियर पीजिए


1लंदन और कनाडा में बनी वेस्टर्न ऑन्टेरियो यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में पाया गया कि बियर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स माइटोकॉन्ड्रिया को खराब होने से बचाता है। माइटोकॉन्ड्रिया शरीर का वह हिस्सा है, जो ग्लूकोज़ को एनर्जी में बदलता है। जब आंख की बाहरी लेंस पर माइटोकॉन्ड्रिया डैमेज हो जाता है, तो इंसान को मोतियाबिंद हो जाता है। बियर के एंटीऑक्सीडेंट्स माइटोकॉन्ड्रिया को मज़बूती देते हैं। लेकिन, इस मामले में एक्सपर्ट्स ज़ोर देकर कहते हैं कि दिन में एक ग्लास बियर तो फायदा देगी, लेकिन इससे ज़्यादा नुकसान करने लगेगी और नज़र कमज़ोर होने लगेगी।गे

2गेहूँमक्का, जौ, चावल इत्यादि के फर्मेन्टेशन (किंडवन) से निर्मित किया जाता है। और कुछ बियर इस तरह के भी है जिनमे औसधि रूप से जड़ी बुटिया और खुशबू पैदा करने वाले पदार्थ का मिश्रण करके तैयार किया जाता है। भारत के बाज़ारों में विक्रय करने वाली बियर जौ से तैयार किया जाता है जो साधारण बियर की वर्ग में होती है। बियर पिने के बहुत सरे फायदें है।


3हमारे आधुनिक जीवन में कॉफ़ी और चाय के मुकाबले सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले drinks में बियर का भी स्थान है। अलग अलग Researches के बाद मालूम किया गया की बियर के सेवन करने से बहुत कम नुकसान होता है। यदि अगर आप बियर का सेवन उचित मात्रा में कभी कभी करते है तो बियर आपके लिए लाभप्रद भी हो सकता है। शायद आपको जानकारी हो की की British Medical Genral की 1999 में आयी एक Report के अनुसार प्रतिदिन 3 drinks पिने से heart से जुड़ी बिमारियों को 24.7% तक काम कर सकती है।


4उचित मात्रा में, बियर के इस्तेमाल करने वालों को दिल के रोग का खतरा काम होता है। अगर थोड़ी मात्रा में , सप्ताह में 2 या एक बार इस्तेमाल किया जाये, तो यह body के अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानि H.D.L के अस्तर को बढ़ा देता है जिससे heart के बिमारियों का खतरा कम हो जाता है और धमनियां ब्लॉकेज होने से बच जाती है। जिसके वजह आप भी कभी भी heart attack का खतरा नहीं रहता है।


5बियर पिने के काफी फायदें तो है किन्तु यह कही न कही आपके सेहत की नज़र से सही नहीं है और हम आपको इसके इस्तेमाल करने की मशवरा नहीं देते। ये पोस्ट सिर्फ जानकारी देने के लिए है। शराब पीना स्वास्थ से लिए हानिकारक होता है.



वास्तव में, इस बात के प्रमाण हैं कि 3500 ईसा पूर्व से लोग बीयर पी रहे हैं


यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे पसंदीदा पेय में से एक है।


बीयर ने यूरोप, एशिया और अमेरिका में सभी संस्कृतियों में पसंद के मुख्य पेय के रूप में खुद को स्थापित किया है।


इसकी व्यापक लोकप्रियता और ऐतिहासिक अपील के बावजूद, अधिकांश लोग यह भी नहीं जानते हैं कि वास्तव में बीयर कैसे बनाई जाती है।


यह जानना महत्वपूर्ण है कि बीयर कैसे तैयार की जाती है, इसलिए आप समझ सकते हैं कि स्वाद पर क्या प्रभाव पड़ता है।


अगर आपको समझ में नहीं आता है कि फ्लेवर क्या बदलता है, तो अपने व्यक्तिगत तालू को फिट करने के लिए सही बीयर खोजने का कोई तरीका नहीं है।


बीयर कैसे बनाया जाता है पर 5 कदम


कहा जा रहा है कि, चल प्रक्रिया में पाँच मुख्य चरणों पर एक नज़र डालते हैं। सबसे पहले, हमें मुख्य सामग्रियों से शुरू करने की आवश्यकता है : जौ, हॉप्स, पानी, और खमीर (हालांकि सभी बियर में हॉप्स नहीं होते हैं)।


चरण 1: Malting


माल्ट का अनाजशराब बनाने की प्रक्रिया में पहला मुख्य चरण माल्टिंग चरण के रूप में जाना जाता है। हर बीयर में कुछ प्रकार के अनाज होते हैं। जौ सबसे लोकप्रिय है, लेकिन कई शराब बनाने वाले एक विकल्प के रूप में गेहूं और राई का उपयोग करते हैं।


ये अनाज सूख जाते हैं और एक हीटिंग प्रक्रिया में टूट जाते हैं। अनाज को खोलने से, एंजाइम अलग हो जाते हैं और मैशिंग कदम के लिए तैयार होते हैं।


चरण 2: मैशिंग या स्टीपिंग


अनाजों का ढेरशराब बनाने की प्रक्रिया में दूसरा मुख्य कदम मैशिंग कदम है। यह वह जगह है जहाँ माल्ट एंजाइमों को गर्म या उबलते पानी में डुबोया जाता है और सक्रिय किया जाता है। [ १ ]


अनाज को डूबाकर, शर्करा को पानी में छोड़ा जाता है और किण्वन के लिए तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में आमतौर पर एक से दो घंटे लगते हैं।


अनाज के पूरी तरह से सड़ जाने के बाद, अनाज को शर्करायुक्त पानी से बाहर निकाल दिया जाता है, जिससे मलबे को छोड़ दिया जाता है - अनिवार्य रूप से बेअसर बीयर।


चरण 3: उबलते हुए


उबलते बियरशराब बनाने की प्रक्रिया में तीसरा चरण पौधा का उबलना है। यह वह जगह है जहाँ हॉप्स और मसालों को वर्ट में मिलाया जाता है और उबले हुए स्वाद को अनफ़िल्टर्ड मिश्रण में जारी किया जाता है।


उबलने की प्रक्रिया आमतौर पर हॉप्स और मसालों से पूरी तरह से स्वाद निकालने में लगभग एक घंटे का समय लेती है।


चरण 4: किण्वन


किण्वन प्रक्रियाशराब बनाने की प्रक्रिया में चौथा चरण किण्वन प्रक्रिया है। यह कदम बीयर में अल्कोहल का उत्पादन करता है। इस चरण तक, बीयर के मिश्रण में अल्कोहल नहीं होता है और यह केवल चीनी और सुगंधित पानी से बना होता है।


किण्वन प्रक्रिया एक उत्प्रेरक के रूप में खमीर जोड़कर शुरू होती है। खमीर खमीर में शर्करा के साथ प्रतिक्रिया करता है और शराब बनाता है।


इस प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए खमीर को जोड़ा जाता है और मिश्रण को आमतौर पर कई हफ्तों तक संग्रहीत किया जाता है जब तक कि पौधा ठीक से किण्वित नहीं हो जाता है और वांछित शराब सामग्री स्थापित हो जाती है।


चरण 5: बॉटलिंग ए एजिंग


पकने की प्रक्रिया में पांचवां और अंतिम चरण बॉटलिंग और उम्र बढ़ने का होता है। बहुत से लोग अपने ब्रुअर्स को कार्बोनेट करना चाहते हैं, इसलिए शिल्प और माइक्रोब्रॉवर्स बॉटलिंग चरण के दौरान अपने कार्बोनेशन को जोड़ते हैं।


यह कई तरीकों से किया जा सकता है, लेकिन कुछ ब्रूअर्स किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से बोतलों को स्वाभाविक रूप से कार्बोनेट की अनुमति देने के लिए चुनते हैं।


पहले, आइए बियर के लाभों को देखें।


1विटामिन, खनिज और फ्लेवोनॉयड्स प्रदान करता है । कई मैग्नीशियम जैसे बी-समूह विटामिन और खनिजों में बीयर समृद्ध है। बीयर के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले जौ और हॉप्स फ्लेवोनॉयड्स से भरपूर होते हैं, जिनके शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होते हैं।


2कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी) के जोखिम को कम करता है । इस बात के काफी पुख्ता सबूत हैं कि हल्की से मध्यम शराब की खपत में कार्डियो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। कई अध्ययन मध्यम बीयर पीने वालों में कम कोरोनरी हृदय रोग की घटनाओं को प्रदर्शित करते हैं। मॉडरेट पीने वालों को सीएचडी से संबंधित मृत्यु दर का जोखिम कम होता है, जैसे कि पीने वाले और परहेज़ करने वाले दोनों। बीयर में विटामिन बी 6 रक्त होमोसिस्टीन में अल्कोहल-प्रेरित वृद्धि को रोकने के लिए भी लगता है, एक संभावित हृदय रोग जोखिम कारक है।


3अच्छे कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करने में मदद करता है । मॉडरेट अल्कोहल पीने से शरीर में कई प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं, जिनमें से एक एचडीएल कोलेस्ट्रॉल में महत्वपूर्ण वृद्धि है- अच्छा कोलेस्ट्रॉल। नहीं है सबूत बियर के हृदय सुरक्षात्मक प्रभाव और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के लिए फायदेमंद एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के अनुपात में फेरबदल में अपनी मदद के समर्थन।


4गुर्दे की पथरी का खतरा कम करता है । बीयर का सेवन गुर्दे की पथरी के विकास के जोखिम को कम कर सकता है। फिनिश शोधकर्ताओं ने पाया कि बीयर पीने वालों में गुर्दे की पथरी का 40% कम जोखिम था।


विकिरण से बचाता है । जापानी शोधकर्ताओं ने पाया कि बीयर विकिरण जोखिम से क्रोमोसोमल क्षति को कम करने में मदद करती है ।


बीयर पीने के नकारात्मक साइड इफेक्ट्स


1और अब कुछ नकारात्मक प्रभाव जो आप नियमित बीयर पीने से उम्मीद कर सकते हैं:


"2पेट पर मोटापा।" भारी बीयर पीने से पुरुषों में पेट का मोटापा (तथाकथित "बीयर पेट") को बढ़ावा मिल सकता है।


3नाराज़गी । बीयर में गैस्ट्रिक एसिड स्राव के शक्तिशाली उत्तेजक शामिल हैं और गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स को भड़काने और नाराज़गी का कारण बन सकता है।


4उच्च रक्तचाप । दैनिक बीयर की खपत (लगभग 40 ग्राम शराब) रक्तचाप बढ़ा सकती है ।


5नशा और निर्जलीकरण । अल्कोहल एक निर्जलीकरण एजेंट और डाउनर है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की गतिविधि को कम करता है। शराब की उच्च मात्रा निर्जलीकरण, नशा और हैंगओवर में बदल सकती है।


6ड्राइविंग-संबंधित कौशल की हानि । अल्कोहल की थोड़ी मात्रा में भी ध्यान और मोटर कौशल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कई गंभीर दुर्घटनाएं शराब से संबंधित हैं।

क्या दूध और बियर पीना सच में स्वास्थ्य के लिए अच्छा है

1ये बात तो हम सभी जानते हैं कि ऐल्कॉहॉल का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। लेकिन पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ ऐनिमल्स यानी PETA का हालिया स्टेटमेंट इस पॉप्युलर नोशन से बिलकुल अलग है। PETA की मानें तो बियर जिसमें औसतन 4 से 6 प्रतिशत ऐल्कॉहॉल होता है, वह दूध से ज्यादा हेल्दी है। आखिर पीटा ने ऐसा क्यों कहा और बियर, दूध से ज्यादा हेल्दी इस बात में कितनी सच्चाई है, इसके बारे में हम आपको बताते हैं...अपने आधिकारिक स्टेटमेंट में PETA ने कहा- इट्स ऑफिशल: बियर आपके लिए दूध से बेहतर है। स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि बियर, हड्डियों को मजबूत बनाती है, लंबा जीवन देती है, जबकी दूध पीने से मोटापा बढ़ता है, डायबीटीज और कैंसर का रिस्क रहता है। लिहाजा जिम्मेदारी से पिएं और दूध न पिएं। Peta ने यह दावा हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर किया है। PETA की यह कोशिश इसलिए है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Vegan बन सकें।बियर में 90 प्रतिशत पानी होता है


2इसमें कोई शक नहीं कि बियर ऐल्कॉहॉलिक ड्रिंक है जो मॉल्टेड बार्ली, जौ, गेंहू, ज्वार या मकई और चावल को ब्रियू करके तैयार किया जाता है। बावजूद इसके इसमें 90 प्रतिशत पानी होता है और साथ ही साथ फाइबर, कैल्शियम, आयरन, और कुछ मात्रा में ऐंटिऑक्सिडेंट भी होता है।


बियर में डायट्री सिलिकॉन भी होता है


बियर में डायट्री सिलिकॉन होता है जो हड्डियों और शरीर में मौजूद कनेक्ट्रिव टिशूज के ग्रोथ के लिए जरूरी माना जाता है। जबकि ज्यादा दूध पीने से दिल से जुड़ी बीमारियां, मोटापा, डायबीटीज और कैंसर जैसी बीमारियां होने की बात कही जाती है। इसके अलावा दूध पीने से मुंहासे, म्यूकस और लैक्टोज इनटॉलरेंस की दिक्कत भी हो सकती है।


दूध हेल्दी है लेकिन लिमिट में रहकर पिएं


1इस सब दिक्कतों के बावजूद दूध सदियों से सबसे हेल्दी ड्रिंक्स में से एक माना जाता रहा है। दूध में ढेरों पोषक तत्व होते हैं और सभी उम्र के लोगों को इसका सेवन करना चाहिए ऐसा कहा जाता है। दूध का सेवन हेल्दी है या नुकसानदेह यह एक बहस का मुद्दा है। सच्चाई सिर्फ इतनी है कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है। लिमिट में रहकर दूध पिएं तो वह पूरी तरह से हेल्दी है।हार्ट डिजीज का रिस्क फैक्टर हो सकता है दूध


2कलेस्ट्रॉल, सैचुरेटेड फैटी ऐसिड और लैक्टोज की वजह से दूध, एथेरोस्क्लेरोसिस और कोरोनरी हार्ट डिजीज का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर माना जाता है। जबकी बियर शरीर में गुड कलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है और बैड कलेस्ट्रॉल से होने वाले नुकसान से बचाता है। साथ ही यह शरीर में ब्लड क्लॉट बनने से भी रोकता है।दूध हो या बियर, लिमिट में रहकर ही पिएं


3हो सकता है बियर में कुछ मात्रा में पॉजिटिव चीजें भी हों, बावजूद इसके बियर ऐल्कॉहॉल ही है। PETA का दावा भले ही अच्छे कारण के लिए हो लेकिन यह कहकर लोगों को बियर पीने के लिए कहना, पूरी तरह से हानिकारक है। किसी भी चीज की अति बुरी होती है। फिर चाहे वह बियर हो या दूध। लिहाजा कंट्रोल में रहकर ही पीना शरीर के लिए फायदेमंद होगा

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