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अश्वगंधा और शहद के फायदे पुरुष azoospermia को ठीक करता है

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  अश्वगंधा और शहद के फायदे- Ashwagandha Aur Shahad   अश्वगंधा सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है, आयुर्वेद में अश्वगंधा को बहुत ही लाभकारी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें शरीर के लिए फायदेमंद न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी इंफ्लेमेटरी गुए पाए जाते हैं। इसका फायदा तब और भी ज्यादा हो जाता है जब हम इसमें शहद (Honey And Ashwagandha) मिला देते हैं। दोनों को एक साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं इन दोनों को खाने से क्या-क्या फायदे होते हैं।पुरुष नीली स्पर्म azoospermia सही करने के लिए सेवन विधि देखें अश्वगंधा और शहद के फायदे Ashwagandha And Honey Health Benefits in Hindi जिन्हें ट्यूमर की समस्या है उन्हें अश्वगंधा के साथ शहद मिलाकर सेवन करना चाहिए। दरअसल, अश्वगंधा में एंटीट्यूमर गुण पाए जाते हैं और शहद के साथ इसका सेवन करने से शरीर में ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इम्यूनिटी बूस्टर (Ashwagandha and Honey Helps to improve immunity) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अश्वगंधा के साथ शहद का सेवन करना चाहिए। ये इम्यूनिटी...

गठिया रोग होम्योपैथी नेट्रम म्यूर सल्फर

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गठिया रोग होने का क्या कारण है इसका मतलब है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली - जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है - गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को पंक्तिबद्ध करती हैं, जिससे जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द  होता  है। इसी कारण कुछ समय के बाद, जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुँच सकता है। गठिया हड्डी की  होम्योपैथिक दवा डॉक्टर सत्य व्रत नंट्रम म्यूर एवं सल्फर चिकित्सीय अनुभव गठिया उपचार इन हिंदी 1डॉक्टर सत्व अपनी चिकित्सा जीवन की अद्भुत चिकित्सा गठिया पर जो भी प्रयोग किया है वह आपके सामनेडॉ० वनेंट अपनी पुस्तक-'गाउट एण्ड इट्स क्युर' में लिखते हैं : गाउट के रोग में नंटम म्यूर ने मेरे हाथों बहुत लाभ किया है। इसके सेवन से पेशाव गाढ़ा हो गया और रोग का आक्रमण टूट गया। मैं अब भी उन रोगियों पर इसका प्रयोग करता हूँ जिन्होंने कुनीन का अधिक सेवन किया हो, शीत-प्रकृति के हों, या जिनका रोग समुद्र के पास जाने 2भड़क उठे। मैं 6 शक्ति का प्रयोग करता हूँ। इस शक्ति के रोगी को देता हूँ। हर दो या तीन घंटे बाद इसे देता हूँ और आशा करता है कि रोगी का मूत्र गाढ़ा तथा रंग में...

माइग्रेन अधकपारी सिर दर्द अधिकतर महिला में क्यों

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  माइग्रेन सिरदर्द अधकपारी का दर्द क्यों होता है 1 आमतौर पर सिरदर्द एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। संबंधित लक्षणों में मितली, उल्टी, फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता), फोनोफोबिया (ध्वनि के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता) शामिल हैं और दर्द सामान्य तौर पर शारीरिक गतिविधियों से बढ़ता है।[1] माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को ऑरा के माध्यम इसका पूर्वाभास हो जाता है, जो कि क्षणिक दृष्य, संवेदन, भाषा या मोटर (गति पैदा करने वाली नसें) अवरोध होता है और यह संकेत देता है कि शीघ्र ही सिरदर्द होने वाला है। 2 माना जाता है कि माइग्रेन पर्यावरणीय और आनुवांशिकीय कारकों के मिश्रण से होते हैं।[2] लगभग दो तिहाई मामले पारिवारिक ही होते हैं।[3] अस्थिर हार्मोन स्तर भी एक भूमिका निभा सकते हैं: माइग्रेन यौवन पूर्व की उम्र वाली लड़कियों को लड़कों की अपेक्षा थोड़ा अधिक प्रभावित करता है लेकिन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दो से तीन गुना अधिक प्रभावित करता है।[4][5] आम तौर पर गर्भावस्था के दौरान माइग्रेन की प्रवृ...

फिशर गुदा का फोड़ा पाइल्स क्या होता है

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  फ़िशर (गुदा का फोड़ा) तथा साइलीशिया : फिशर क्या है ? फिशर – यह गुदा के चारों ओर एक कट या दरार है जो बहुत दर्दनाक होता है। फिस्टुला क्या है ? फिस्टुला – गुदा के मध्य भाग में गुदा ग्रंथियां होती हैं, जिनमें संक्रमण हो जाती हैं जिससे और गुदा पे फोड़ा हो जाता है, जिससे मवाद निकलने लगता है। इन विकारों के बारे में सामान्य बात यह है कि ये सभी गुदा विकृति हैं। गुदा अंतिम छिद्र है जिसमें से मल उत्सर्जित होता है। यह 4-5 सेमी लंबा होता है। गुदा के टर्मिनल हिस्से में संवेदनशील नर्व होते हैं, जो रक्त वाहिकाओं से घिरे होते हैं। मध्य भाग में कई गुदा ग्रंथियाँ होती हैं। अब जब हम गुदा के संरचना से अवगत हो चुके हैं, तो आइए इस से संबंधित विभिन्न विकारों पर ध्यान दें। पाइल्स क्या हैं लक्ष्ण पाइल्स – जिसे बवासीर भी कहा जाता है, गुदा के टर्मिनल हिस्से में सूजन वाली नसें हैं। 50 वर्ष की आयु तक 75% जनसंख्या को प्रभावित करता है गर्भावस्था में सामान्य रूप से देखा जाता है आंतरिक या बाहरी हो सकता है इसके लक्षण – मल त्याग के बाद खून आना या या मल के साथ खून आना कभी-कभी रक्त गुदा के आस-पास क्लॉट कर जाता है जिस...

चाय पीने के नुकसान

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चाय पीने के नुकसान   इन हिंदी हर किसी को खौलती चाय का स्वाद पसंद होता है। अक्सर लोग अपने दिन की शुरुआत चाय की चुस्कियों से करते हैं। चाय की चुस्कियां लेने में जितना मजा आता है यह सेहत के लिए उतनी ही हानिकारक सिद्ध हो सकती है। जी हां सीमित मात्रा में चाय का सेवन करने से यह आपके थकान, सिर दर्द को दूर कर ताजगी से भर देती है। लेकिन अधिक मात्रा में चाय का सेवन आपको कई गंभीर बीमारियों के चपेट में भी ले सकता है। बता दें कि, चाय में अधिक मात्रा में कैफीन और टैनिन जैसे खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं जो आपके सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। एक दिन कितने कप चाय पिएं इन हिंदी जो लोग चाय के शौकिन हैं उनको बता दें कि, एक दिन में 2 से 3 कप चाय आपके लिए अधिकतम होती है। एक कप चाय में लगभग 20 से 60 ग्राम कैफीन की मात्रा पाई जाती है, जो आपके चाय के कप पर निर्भर करता है। चाय पीने के नुकसान इन Hindi आयरन औऱ प्रोटीन - चाय में अधिक मात्रा में टैनिन पाया जाता है। जो शरीर में आयरन और प्रोटीन को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर देता है। इसलिए अधिक मात्रा में चाय का सेवन करने से आपको बचना चाहिए। पेट संबंध...

महिला के गर्भाशय से ब्लड का स्राव होना

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माहवारी  क्या है?  माहवारी  मासिक चक्र का वह भाग है जिसमे एक स्त्री के योनि मार्ग से कुछ दिनों के लिए रक्तस्राव होता है। अधिकांश स्त्रियों में यह हर 28 दिन के बाद होता है। स्त्रियों के लिए इस चक्र का इस अवधि से लम्बा या छोटा होना, जैसे कि 24 या 35 दिन का हो जाना सामान्य बात है। होम्योपैथिक जनक डॉ सत्यव्रत सिंह का चिकित्सीय अनुभव महिला के बच्चेदानी से ज्यादा ब्लड गिरने के 1अनेक स्त्रियाँ अत्यधिक रक्तस्राव की शिकार होती हैं। साधारण तौर पर चिकित्सक ओषधियों द्वारा या गर्भाशय को सर्जरी द्वार निकालकर इसका इलाज करना चाहते हैं। परन्तु होम्योपैथ के पास इसका इलाज है। डॉ० केंट अपने 'मैटीरिया मैडिका' के पृष्ठ 576 लिखते हैं : अगर स्त्री के जननांगों से रुधिर का प्रवाह किसी भौतिक साधन के कारण नहीं है, तो होम्योपैथ के पास इसको रोकने की अनेक ओषधियाँ हैं। उदाहरणार्थ, जब गर्भाशय से रुधिर लगातार रिस रह हो, कभी-कभी यह रिसना बढ़कर प्रवाह का रूप धारण कर ले, रोगिण इतनी कमज़ोर हो जाय जिसकी आशा नहीं करनी चाहिए, तब इविकाव देना चाहिए; जब चमकीले रुधिर प्रवाह के साथ रोगिणी को मृत्यु क भय सताये, तब ऐक...